नॉर्वेजियाई ट्रोल गुड़िया
स्कॅन्डिनेवियन पौराणिक कथाओं में ट्रोल गुड़िया की कहानी मिलती है। उनका मानना है की ओडीन का बहादुर योद्धा बेटा ट्रोल है। ट्रोल अपने परिवार के साथ पहाड़ के अंदर गुफा में छुप कर रहता है। ट्रोल मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाता है उल्टा वह बहुत ही हेल्पफुल है। दूर सुदूर एकांत जगह में सनलाइट से दूर बड़े बाल ,मोटी नाक वाला हो कर भी सब का प्यारा होने के कारन ट्रोल को शुभ माना जाता है।
पहले भी स्कैंडियनेवियन कंट्री में घूमे और खिलौने के रूप में ट्रोल देखे थे, पर उतना ध्यान नहीं दिए थे। जैसे हमलोगों के घरों बाजारों में गुड्डा -गुड्डी होता है वैसे ही उनका खिलौना होगा। पर इस बार 15 -20 दिन नॉर्वे के अलग-अलग प्रान्त और शहर में घूमने का मौका मिला, हर छोटे- बड़े दुकान में छोटे-बड़े आकर -प्रकार ,अलग -अलग कद -काठी ,अलग -अलग भेष का ट्रोल देखने मिला। तब जाकर पता चला की ये कोई मामूली खिलौना नहीं है। इसे ट्रोल डॉल बोला जाता है और इसे शुभ माना जाता है। हर जगह टूरिस्ट ट्रोल डॉल के साथ फोटो जरूर खींचवाते थे। फिर हम क्यों पीछे रहते यादगार के लिये ट्रोल डॉल के साथ फोटो खिचवा लिये।
स्कॅन्डिनेवियन पौराणिक कथाओं में ट्रोल गुड़िया की कहानी मिलती है। उनका मानना है की ओडीन का बहादुर योद्धा बेटा ट्रोल है। ट्रोल अपने परिवार के साथ पहाड़ के अंदर गुफा में छुप कर रहता है। ट्रोल मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाता है उल्टा वह बहुत ही हेल्पफुल है। दूर सुदूर एकांत जगह में सनलाइट से दूर बड़े बाल ,मोटी नाक वाला हो कर भी सब का प्यारा होने के कारन ट्रोल को शुभ माना जाता है।
पहले भी स्कैंडियनेवियन कंट्री में घूमे और खिलौने के रूप में ट्रोल देखे थे, पर उतना ध्यान नहीं दिए थे। जैसे हमलोगों के घरों बाजारों में गुड्डा -गुड्डी होता है वैसे ही उनका खिलौना होगा। पर इस बार 15 -20 दिन नॉर्वे के अलग-अलग प्रान्त और शहर में घूमने का मौका मिला, हर छोटे- बड़े दुकान में छोटे-बड़े आकर -प्रकार ,अलग -अलग कद -काठी ,अलग -अलग भेष का ट्रोल देखने मिला। तब जाकर पता चला की ये कोई मामूली खिलौना नहीं है। इसे ट्रोल डॉल बोला जाता है और इसे शुभ माना जाता है। हर जगह टूरिस्ट ट्रोल डॉल के साथ फोटो जरूर खींचवाते थे। फिर हम क्यों पीछे रहते यादगार के लिये ट्रोल डॉल के साथ फोटो खिचवा लिये।
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