हरसिंगार पारिजात
पारिजात के पौधे में सुन्दर और सुगंधित फूल आते है। यह पुरे भारत में पाया जाता है।पारिजात का पुष्प पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प है।इसका पेड़ 10 -15 फ़ीट का होता है। इसके फूल की पंखुड़ी सफ़ेद और डंठल केसरिया पीला होता है। फूल की खासियत ये है की रात को खिलता है और पुरे बाग मे खुश्बू बिखेर देता है ,पर सूर्योदय के साथ ही सारे पुष्प झड़ जाते है।पारिजात की पत्तियां गहरे हरे रंग की थोड़ी कड़ी होती है। पारिजात का फूल ही ऐसा पुष्प है जो की बीन कर भगवान हरी को चढ़ाया जाता है इसलिए इस को हरसिंगार भी बोला जाता है।रात को खुशबू बिखेरने के कारण नाईट जास्मीन भी इसका नाम है। बंगाल में शिउली के नाम से जाना जाता है।
माना जाता है की समुन्द्र मंथन में अमृत के साथ कल्प वृछ निकला था जो की स्वर्ग में इंद्र के बाग की शोभा बढ़ाता था। कृष्ण अवतार के समय सत्यभामा के कहने पर भगवान जी ने स्वर्ग से ला कर धरती में लगाया था।तब से ही इस पेड़ का बहुत ही महत्व है। वैसे भी आर्युवेद में इस पेड़ के फूल ,पत्ते ,छाल सभी से दवाई बनाया जाता है। कई बीमारियों में इसका उपयोग होता है। जैसा नाम हरसिंगार वैसा ही गुण।