शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

#ALMATY#KAZAKHSTAN

               अल्माटी कजाकिस्तान का एक बहुत ही सुन्दर हरा भरा जंगल ,पहाड़ ,नदी ,झरना वाला शहर है। इसके अलावा यहाँ घूमने के लिये मेन सिटी के बीच में  यहाँ का ऑर्थोडॉक्स कैथेड्रल बहुत ही शानदार है। एमुन्समेन्ट पार्क यहाँ का ग्रीन मार्किट आदि । इसके अलावा यहाँ शहर में ही कोक -टोबे पार्क भी है जिसमे केबल कार से ऊपर से नीचे ले जाते है जहाँ से पुरे शहर का नजारा बहुत ही सुन्दर दिखता है।

           शिमबुलाक माउंटेन अल्माटी सीटी से काफी दूर पहाड़ में है, जो की ठण्ड में वर्फ से ढंका रहता है। यहाँ जाना भी बहुत ही इंट्रेस्टिंग है। अल्माटी जाने से यहाँ जरूर जाना चाहिए। नीचे से ऊपर केबल कार में ले जाते है जो की बहुत ही हाईट में होने के कारन दो बार केबल बदलना पड़ता है। केबल बदलते बदलते ऊपर जा कर नजारा देख कर वापस फिर केबल बदल बदल कर नीचे वापस आना होता है। रास्ते में जगह जगह रेस्टुरेंट भी है। सुस्ताते खाते पीते नजारा देखते शाम तक वापस आते हो जाता है। लगता है की स्विजरलैंड घूम रहे है अल्माटी का कश्मीर भी बोल सकते है। ऊपर पैराग्लाडिंग ,ड्रोन तरह तरह का पहाड़ में खेल करते है। यहाँ भी टेंट हाउस (युर्टस )बना हुआ था। जिसे होटल के बदले यहाँ रुकना हो वो पहले से बुकिंग करवाते है।

       सब मिला कर अल्माटी आना घूमना देखना समझना बहुत ही अच्छा रहा।   





 

                                  YURTS(TENT HOUSE)












                                                   SHYMBULAK MOUNTAIN






  

गुरुवार, 22 सितंबर 2022

#NUR SULTAN#KAZAKHSTAN#ASTANA

                 नूर -सुल्तान मध्य एशिया के कजाखस्तान देश की राजधानी है। सोवियत संघ के समय से ही बहुत बड़ा और डेवलेप वेल प्लान शहर है। सोवियत रूस से अलग होने के बाद अस्ताना नाम पड़ा बाद में इस देश के शासक के नाम पर नूर -सुल्तान पड़ा। अब फिर से अस्ताना नाम होने वाला है। यहाँ के लोग रूस के अधीन थे इसलिए अब भी उसी तरह रहना और दूसरे मुस्लिम देश के तरह दकियानूसी नहीं है।ना तो परदा ,हिजाब ,बुरका आदि का झंझट है। महिलाओं को पूरी आजादी है।  पढ़े लिखे सभ्य लोग है। बहुत ही अच्छे समझदार ,मिलनसार ,हेल्पिंग नेचर के है। यहाँ ठण्ड के समय -50 डिग्री तक तापमान हो जाता है इसलिए यहाँ का भोजन भी मांसाहरी होता है ये लोग घोड़े के मीट ,और दूध ,दूध से बने व्यंजन खाने में प्रयोग करते हे।हमलोग भी घोड़े का दूध का पेय टेस्ट किये।घोड़े का दूध तो और कभी मिलेगा नहीं।  यहाँ के लोग बताये की भोजन के बाद लास्ट में एक कटोरी जरूर पीना चाहिए जिससे भोजन हजम होता है। 

      नूर सुल्तान में घूमने का बहुत जगह है। एक तो बैटेरेक यहाँ लिफ्ट से ऊपर ले जाते है वहाँ से पूरा शहर का नजारा देखा जाता। टूरिस्ट जरूर इसे देखने जाते है। ख़ान शतयर एंटरटेनमेंट सेंटर ,प्लेस ऑफ़ पीस ,हजरत सुल्तान मॉस्क ,संग्राहलय ,बाग  बगीचा  इत्यादी अनेक जगह देखने लायक है। 

             यहाँ ठण्ड होने के कारन ये लोग बड़ा ही सुन्दर गोल गोल सब सुविधा वाला टेम्परेचर कण्ट्रोल टेंट हाउस (यूर्ट्स ) बनाते है जो की  टूरिस्ट को एक्ट्रेक्ट करता है। टूरिस्ट इसमें छुट्टी मनाने आते है। किराया भी ठीक ही रहता है ,बहुत महंगा नहीं होता है। 

                           यूर्ट्स (टेंट हाउस )





बैटेरेक 



                      घोड़े के दूध का पेय 










 

सोमवार, 19 सितंबर 2022

#TASHKENT#UZBEKISTAN

                         ताशकंद   उज़्बेकिस्तान 

               ताशकंद उज़्बेकिस्तान की राजधानी है। कजाकिस्तान के बॉर्डर से लगा हुआ है। ताशकंद आने के पहले तक बस इतना जानते थे की ताशकंद में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी कानिधन हुआ था। पर यहाँ आकर घूम कर बड़ा अच्छा लगा ,और अपने भारतीय होने पर गर्व भी हुआ। यहाँ पर शास्त्री जी के सम्मान में एक चौक का नाम शास्त्री स्ट्रीट रखा गया है , और वहां शास्त्री जी का मूर्ती भी है। किसी से भी शास्त्री चौक के बारे में पूछो तो वो रास्ता बता देगा।यहाँ के लोग बालीवुड के भी दीवाने है। बालिका वधू सीरियल बहुत पसंद से देखते है।यहाँ पर टाटा का बनाया हुआ एक बहुत ही आलीशान होटल भी है। जिसमे एक इंडियन रेस्टुरेंट भी है जिसका नाम राजकपूर है।रेस्टुरेंट में राजकपूर के फिल्म का गाना बजते रहता है और दिवाल  में उनके परिवार के लोगों का फोटो भी है। उनलोगो ने बताया की राजकपूर के बेटे लोग इस देश में आने पर भोजन करने इस रेस्टुरेंट में आते। ये सब देख और सुन कर अच्छा लगना स्वभाविक है।   

               उज़्बेकिस्तान आने के पहले तक लग रहा था की कहाँ मुस्लिम देश घूमने जा रहे है।पर समरकंद और ताशकंद घूम कर यहाँ के लोग से मिल कर बहुत ही अच्छा लगा। यहाँ के लोग साफ सूथरे ,पढ़े  लिखे है। यहाँ पर्दा प्रथा ,तीन तलाक भी नही है। महिलाये आजादी से घूम सकती है। मस्जिद और मदरसा जा कर नमाज पढ़ सकती है। महिला और पुरुष में कोइ भेद भाव नहीं है। पुरे देश में साफ सफाई इतना है की देखते रह जाओ ,लगेगा की यूरोप के किसी देश में घूम रहे है।

               आमिर  तैमूर के शासन काल के बाद सोवियत रूस के राज्य का हिसा होने के कारन यहाँ का रहन सहन ,बात व्यवहार सब एकदम रूस जैसा है। अब स्वतंत्र देश हो गया है। भले ही चंगेज खां और आमिर  तैमूर के वंशज है। इस देश में आमिर तैमूर  को बहुत ही इज्जत से देखते है। म्युसियम ,संग्राहलय ,मस्जिद सब आमिर का है। चौक में बड़ा सा मूर्ती है । यहाँ का चौरसू बाजार भी बहुत ही अलग तरह का है।जैसे हमारे देश में हाट बजार ,सब्जी मंडी वगैरा होता है वैसा बहुत ही सुन्दर साफ सुथरा चोरसू बजार है। सब मिला कर इतना लगा की यदि घूमना हो तो जब तक तान कंट्री नहीं देखो तो कुछ नहीं देखा। लोग यरोप अमेरिका ही ज्यादा घूमते है पर हमारे पड़ोस में इतना अच्छाघूमने का देश है पर हमलोग यहाँ नहीं आते है। हम बहुत खुश किस्मत है की हमें देखने और जानने का अवसर मिला ,दूर भी नहीं है दिल्ली से डायरेक्ट फ्लाइट है तीन घंटे में पहुंचा देता है।  

                                                       

                                                                                                                              

                                      




























     

रविवार, 18 सितंबर 2022

#SAMARKAND#UZBEKISTAN

                          समरकंद   उज़्बेकिस्तान 

                समरकंद उज़्बेकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है।मध्य  एशिया के ये नगर ऐतीहासिक और भौगोलिक दोनों कारन से बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। भारत के इतिहास में भी इसका महत्व है क्योंकि बाबर का जन्म स्थली यही है और इसी स्थान का शासक बनाना चाहता था और फिर यहीं से काबुल होते हुए भारत आया और फिर वहीं का शासक बन गया। ये लोग चंगेज खां के वंशज थे। किसी समय यहाँ सिर्फ फ़ारसी लोग थे। पर बार बार आक्रमण के बाद ये मुस्लिम देश बन गया है। 14वीं शताब्दी में आमिर तैमूर यहाँ का शासक बना और यहाँ बहुत सुधार किया। और अपने राज्य की राजधानी बनाया। सोवियत काल के समय शहर के प्रमुख स्थलों को फिर से ठीक किया गया। समरकंद में आमिर  तैमूर के नाम का चौक चौराहा ,उसका महल ,कब्रगाह है। यहाँ का सबसे प्रमुख जगह रेज़िस्तान स्क्वैर है। यहाँ पर उलूगबेग द्वारा बनाया हुआ तीन बहुत ही बड़ा और शानदार मदरसा है।इसकी शिल्पकारी देखते ही बनता है।  जिसे देखने टूरिस्ट जरूर आते है।उलूगबेग बहुत ज्ञानी धार्मिक राजा था। आमिर तैमूर इसी का पोता था।टूरिस्ट के अलावा लोकल लोग भी यहाँ घूमने आते है। बड़ा कैम्पस और गार्डन होने के कारन लोग अपने प्री वेडिंग शूट के लिये आये हुये थे घूम घूम कर फोटो खिंचवा रहे थे। देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था।