रविवार, 28 मई 2023

#NILGIRIS#SUMMER#FESTIVAL#63RD#FRUIT#SHOW IN #COONOOR

              वार्षिक 63 वां फ्रूट शो कुन्नूर के सिम्स पार्क में  

                  हर साल पुरे नीलगिरी डिस्ट्रिक्ट में मई के महीने में जितने भी गार्डन है वहाँ पर शनिवार और रविवार को हर हफ्ता अलग अलग थीम में शो होता है। कोटागिरी के गार्डन में वेजीटेबल और मसाला से तरह तरह के जानवर के शेप में बनाया जाता। ऊटी रोज गार्डन में दूसरे हफ्ता रोज शो होता है।ऊटी बॉटनीकल गार्डन में तीसरे हफ्ता फ्लावर शो और अंत में कुन्नूर के सिम्स पार्क में फ्रूट शो के साथ वार्षिक उत्सव का समापन होता है। पुरे मई महीना में गर्मी छुट्टी होने के कारन हजारो हजार लोग छुट्टी का आनंद लेने आते है और उत्सव का मजा लेते है।

                  इस बार सिम्स पार्क में फलों से गिलहरी ,फल का बास्केट ,संतरे से पिरामीड ,नींबू से मछली ,अनानास से पेड़  ,तितली आदि अनेक आकृति बना था.इस बार सिम्स पार्क में प्रथम टी शो भी रखा गया था। सारे टी फ़ैक्टरी वाले अपना अपना स्टाल लगाए थे।शो समाप्त होने के बाद सारे फल ,सब्जी से जैम ,जेली ,अंचार आदि बनाने के उपयोग में लिया जाता है। हमारा घर सिम्स पार्क के बगल में होने के कारण शो का आनंद ले पाए। 










  

 








 

गुरुवार, 11 मई 2023

#BAGIYA MEIN#GENDE KI BAHAR

                        बगिया में गेंदे की बहार 

                हमारे बगिया में गेंदे की बहार देखते ही बनती है। वैसे तो सितम्बर अक्टूबर में गेंदे का बीज और पौधा लगाया जाता है ,और फिर ठण्ड में नवंबर से फरवरी तक खूब फूल होता है। पर पहाड़ में फरवरी में ठण्ड कम  होने पर पौधा रोपण किया जाता है। अप्रैल से लेकर जून तक बहुत फूल खिलता है। यदि वर्षा कम  हो तो फूल खिलते रहता है।है तो मैक्सिको का पौधा पर पुरे भारत में पाया जाता है। अलग अलग प्रान्त के नर्सरी से बारोह माह फूल बाजार में मिलता है। आजकल हाईब्रीड फूल का पौधा नर्सरी में मिलता है पर इसका बीज से पौधा नहीं लग पाता है। पहले देशी पौधा मिलता था, तो अच्छा होता था, उसके बीज से अगले साल के लिये पौधा तैयार हो जाता था।जो हो अभी तो बगिया में गेंदे की बहार है। फूल देख कर मन प्रसन हो जाता है। 






  

मंगलवार, 9 मई 2023

#KATTERY#PARK#COONOOR

                            कैटरी पार्क 

                      कूनूर सिटी से 7 किलोमीटर की दूरी में कैटरी पार्क है।पार्क करीब  5 एकड़ में फैला हुआ है। 50 प्रकार के पेड़ ,पौधा ,फूल आदि से पार्क सुसज्जित है.पार्क की खासियत ये है की शहर के करीब तो है ही इसके अलावा एक तरफ जंगल के बीच से झरना बहता है तो दुसरी तरफ ट्रेन गुजरता है,चारो तरफ घाटी और साथ ही हाईवे। प्रकृति का नजारा देखते ही बनता है।हाईवे में पार्क होने के कारन कोयम्बटूर से कुन्नूर ऊटी जाने वाले टूरिस्ट रुक कर पार्क का आनंद उठाते है। 


 






 

शुक्रवार, 5 मई 2023

#TEA#GARDEN#COONOOR#TAMILNADU

                चाय बागान  में मस्ती 

                  तमिलनाडु के कुन्नूर में सिर्फ और सिर्फ चाय बागान है। जहाँ भी नजर दौड़ाओ चाय बागान दिखेगा। प्रकृति का नजारा देखते ही बनता है, पहाड़ ,झरना और चाय बागान।चाय के पौधे से सिर्फ ऊपर फुनगी से तीन पत्ता तोडा जाता है। कोइ भी फूल ,फल या अनाज  हो साल में एक बार दो बार फसल होता है। पर चाय का पौधा ऐसा है की हर हफ्ता पत्तों का तोड़ाई किया जाता है। साल भर बारो महीना।पत्ता तोड़ने का मजा आज लिये। चाय की पत्ती का पकौड़ा भी बहुत टेस्टी होता है। जैसे पालक या पोई भाजी की पत्ती को बेसन लपेट कर पकौड़ा बनाया जाता है ऐसे ही चाय पत्ती का पकौड़ा क्रिस्पी मजेदार होता है।ऊटी के नजदीक होने के कारन साल भर टूरिस्ट कून्नूर भी घूमने आते है और चाय बागान देखने का मजा उठाते है।कुन्नूर में करीब करीब साल भर पानी गिरता है और घाटी में चाय बागान सलोप में होने के कारन सारा पानी बह जाता है। इसलिए पहाड़ में चाय बागान होता है।यहाँ रेनबो भी हमेशा देखने मिल जाता है।   

  






 

बुधवार, 3 मई 2023

#BANDIPUR#NATIONAL#PARK#KARNATAKA

                    बांदीपुर नेशनल पार्क 

                 बांदीपुर राष्ट्रीय पार्क दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। किसी ज़माने में मैसूर राज्य के राजा का निजी शिकारगाह था। 1974 से इसे टाइगर रिजर्व पार्क बना दिया गया है। पार्क बने 50 साल हो गया। भारत में टाइगर के लिये  दूसरे नम्बर में पार्क आता है। साउथ एशिया में जंगली हाथी के लिये पहले नम्बर में ये पार्क आता है.टाइगर और हाथी के अलावा  गौर ,चीतल ,सम्बर डियर ,भालू ,लंगूर ,मोर ,जंगली सूअर इत्यादी बहुत मात्रा में देखे जाते है। यहाँ जंगल सफारी का भी इंतजाम है। सुबह साढ़े ६ से 9 बजे दिन को और शाम साढ़े 3 से साढ़े 6 बजे तक जीप और बंद बस से जंगल घुमाने ले जाते है। पुरे जंगल में बहुत सारे छोटे बड़े रिसोर्ट है जहाँ रात्रि बिश्राम कर सकते है। तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच में बांदीपुर पड़ता है। अप्रैल का महीना होने के कारन पुरे रास्ते में गुलमोहर का बहार देखते ही बनता है। लाल लाल फूल से भरा पेड़ वहीं पेड़ के नीचे लाल  फूल का कारपेट बिछा हुआ था। 



















 

सोमवार, 1 मई 2023

#THE#ELEPHANT#WHISPERERS WITH THEIR#OSCAR

             एलीफैंट व्हिस्पेरेर्स ऑस्कर अवॉर्ड के साथ

                   एलीफैंट व्हिस्पेरेर्स एक डॉक्युमंट्री 39 मिनट का फिल्म है। दो अनाथ हाथी के बच्चे और उनके केयर टेकर बोम्मन और बेल्ली की कहानी है। बोम्मन और बेल्ली कटतुनैयाकन ट्राइब के है। तमिलनाडु के मदुमलाई रिजर्व फारेस्ट के थेप्पाकाडु गावँ में हाथी कैम्प के रहने वाले है। फिल्म 2022 में बना और 2023 में इस फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रघु और अम्मू को कैसे जंगल से लाकर सेवा कर के पाला गया। हाथी के बच्चे  बोम्मन और बेल्ली से कैसे घुल मिल गए फिल्म में यही दिखाया गया है। जो की जरा भी बनावटी नहीं है। एकदम सच्ची घटना पर फिल्म बना है। 

                   मदुमलाई जाने से इनलोग से लोग जरूर मिलते है। शाम साढ़े पांच बजे जब सारे हाथी जंगल से घूम कर  वापस कैंप में लौटते है तब ही रघु को देख सकते है। 6 बजे कैंप बंद हो जाता है। कैंप के पास ही बोम्मन और बेल्ली तथा बाकी सेवक का घर है।दोनों जंगल में एकदम सिम्पल रहते है। कुछ भी घमंड नहीं की ऑस्कर अवार्ड मिला है। आराम से साथ फोटो खिचवा लेते है। दोनों से मिल कर बड़ा अच्छा लगा।