मंगलवार, 11 जनवरी 2022

#STHAL PADMA FLOWER#LAND LOTUS#CONFEDERATE ROSE

                             स्थल कमल 

              स्थल कमल का फूल  4 -6 इंच का होता है।इसका पौधा 12 सी 15 फ़ीट हाईट का होता है।  गर्मी के बाद पौधा बढ़ता है,और बरसात खत्म  होते ही फूल खिलना शुरू हो जाता है।दुर्गा पूजा के समय तो फूलों की बहार होती है।पुरे ठण्ड में फूल खिलता ही रहता है। फूल की एक खाशियत ये है की फूल रंग बदलता है। सुबह सफ़ेद रंग में खिलता है ,दोपहर होते हल्का गुलाबी और शाम से रात होने पर गहरा गुलाबी रंग का फूल हो जाता है.एक ही पेड़ में तीनो रंग का फूल देख कर मन प्रसन्न हो जाता है.हर डाल में 5 से 7 कली खिलती है। इसलिए तीनो रंग नया पुराना फूल मिक्स होने के कारन पौधा का खूबसूरती बढ़ जाता है। हर साल फूल का मौसम ख़तम होने के बाद थोड़ा कटाई कर देने पर फिर फूल के मौसम में ज्यादा फूल होते रहता है। 

                     टाटा में दुर्गा पूजा के समय करीब करीब हर मुहल्ले में स्थल कमल का पौधा फूलो से लदा देखने मील जाता है। दुर्गा जी को इसका फूल चढ़ाया जाता है। बहुत दिनों से स्थल कमल लगाने का सोच रहे थे पर पौधा नहीं मील रहा था अब जाकर रायपुर में पौधा मिला। पौधा मील भी गया औरउसे लगाने के महीने भर के अंदर ही एक दो फूल खिलने लगा।फूल देख कर अब जा कर संतोष हुआ। फूल भी गुच्छे में खिलता है। रोज खिलता है पर टिकता नहीं है। दूसरे दिन सुख कर दो दिन बाद झड़ जाता है। इसलिए रोज नया पुराना मील कर सफ़ेद ,गुलाबी फूल पुरे पौधा में दीखता है। 

      जमीन में होने के कारन स्थल कमल नाम पड़ा ,वहीं रंग बदलने के कारन चेंजिंग रोज भी इसका नाम है। छतीसगढ़ में इसे पगला गुलाब बोला जाता है क्योंकि फूल रंग बदलता है।