HONNINGSVAG,GATEWAY TO NORTH CAPE
होनिंग्सवाग
होनिग्सवाग नॉर्वे का तीसरा सबसे बड़ा हार्बर है। मिडनाइट सन देखने का सबसे वेस्ट टाउन है। क्योकी नार्थ पोल और साऊथ पोल ही ऐसा जगह है जहाँ 6 महीने का दिन और 6 महीने का रात होता है। 2500 आबादी वाला सुन्दर लैंडस्केप ,कलरफुल मकान से सुसज्जित आर्कटिक टाउन है। गर्मियों में जब आइस फ्री ओसन हो जाता है तब क्रूज शीप और टूरिस्टों का आना शुरू हो जाता है। अंग्रेज कप्तान के नाम पर जिसने 1553 में नार्थईस्ट पैसजे की खोज की थी इस टाउन का नाम पड़ा। यहाँ भी सिटी सेंटर में चर्च ,म्यूजियम ,कैफ़े ,स्टोर इत्यादि था।
हमारा क्रूज करीब 8 बजे सुबह पहुँच गया था। पूरा टाउन में एकदम सन्नाटा सिर्फ और सिर्फ हमारे क्रूज के लोग ही दिख रहे थे लगा कहाँ आगये। दुकान सारे बंद रोड एकदम सुना बड़ा ही अजीब लग रहा था। घूमे तो क्या देखे तो क्या। रोड में जगह -जगह पुलिस जरूर थी और बैरियर लगा रही थी, उनसे पूछने पर पता चला की यहाँ दुकाने १० बजे खुलती है । आज आर्कटिक थर्ड स्टेज सायकल रेसिंग होने वाला है, उसीकी तैयारी चल रही है। तब तक और भी दो क्रूज आगया। बाजार भी खुल गया और देखते -देखते पुरे शहर में चहल -पहल हो गया और रौनक आगया।यहाँ का सायकल दुकान भी एकदम अलग तरीके का देखने मिला। एक -एक पार्ट्स ,हेलमेट ,घंटी ,ब्रेक सीट पता नहीं कितना सामान जो सायकल में उपयोग होता है एक ही छत के नीचे देखने मिला।ये भी एकदम नया अनुभव था।
अभी तक कभी सायकल रेस देखे नहीं थे टीवी में ही न्यूज़ में जो थोड़ा देखे होंगे। हमारा क्रूज ऐसे दिन में होनिंग्सवाग के पोर्ट में आया की एक नया खेल देखने मिल गया। ठीक पोर्ट से लग कर सब आयोजन हो रहा था वापस जाने की जल्दी भी नहीं थी। सारे पब्लिक रोड के दोनों ओर कतार वध खड़े होकर सब प्रोग्राम देख रहें थे. हमलोग भी ऐसा मौका क्यों छोड़े कभी देखे नहीं थे, हमलोग भी खड़े होगये प्रोग्राम देखने।
सबसे पहले एक लाइन से रंग -बिरंगा कार आना शुरू हुआ। हमलोग सोचे अब सायकल रेस में कार का क्या काम। पता चला की खेल और खिलाड़ी को जो जो कंपनी ऑर्गनाइज किये है वे चीयर्स करने आये है। सभी कार से अपने -अपने प्रोडक्ट को दर्शेकों को बाँटने लगे। कोई चश्मा ,कोई थर्मस ,तो कोई टोपी ,तो किसी कार वाले टीशर्ट इत्यादी नाना प्रकार के सामान। पब्लिक भी खुश कार वाले भी खुश। कार का काफिला आगे बड़ा तो एक -एक दल के खिलाड़ियों का ग्रुप आना शुरू हुआ। उनका परिचय होता गया और वो दल बढ़ता गया। घंटो ये सिलसीला चला उसके बाद ही रेसिंग शुरू हुआ। पोर्ट से उनका सायकल रेस आगे बड़ा और हमलोग भी अपने क्रूज में आगये।
होनिंग्सवाग
होनिग्सवाग नॉर्वे का तीसरा सबसे बड़ा हार्बर है। मिडनाइट सन देखने का सबसे वेस्ट टाउन है। क्योकी नार्थ पोल और साऊथ पोल ही ऐसा जगह है जहाँ 6 महीने का दिन और 6 महीने का रात होता है। 2500 आबादी वाला सुन्दर लैंडस्केप ,कलरफुल मकान से सुसज्जित आर्कटिक टाउन है। गर्मियों में जब आइस फ्री ओसन हो जाता है तब क्रूज शीप और टूरिस्टों का आना शुरू हो जाता है। अंग्रेज कप्तान के नाम पर जिसने 1553 में नार्थईस्ट पैसजे की खोज की थी इस टाउन का नाम पड़ा। यहाँ भी सिटी सेंटर में चर्च ,म्यूजियम ,कैफ़े ,स्टोर इत्यादि था।
हमारा क्रूज करीब 8 बजे सुबह पहुँच गया था। पूरा टाउन में एकदम सन्नाटा सिर्फ और सिर्फ हमारे क्रूज के लोग ही दिख रहे थे लगा कहाँ आगये। दुकान सारे बंद रोड एकदम सुना बड़ा ही अजीब लग रहा था। घूमे तो क्या देखे तो क्या। रोड में जगह -जगह पुलिस जरूर थी और बैरियर लगा रही थी, उनसे पूछने पर पता चला की यहाँ दुकाने १० बजे खुलती है । आज आर्कटिक थर्ड स्टेज सायकल रेसिंग होने वाला है, उसीकी तैयारी चल रही है। तब तक और भी दो क्रूज आगया। बाजार भी खुल गया और देखते -देखते पुरे शहर में चहल -पहल हो गया और रौनक आगया।यहाँ का सायकल दुकान भी एकदम अलग तरीके का देखने मिला। एक -एक पार्ट्स ,हेलमेट ,घंटी ,ब्रेक सीट पता नहीं कितना सामान जो सायकल में उपयोग होता है एक ही छत के नीचे देखने मिला।ये भी एकदम नया अनुभव था।
अभी तक कभी सायकल रेस देखे नहीं थे टीवी में ही न्यूज़ में जो थोड़ा देखे होंगे। हमारा क्रूज ऐसे दिन में होनिंग्सवाग के पोर्ट में आया की एक नया खेल देखने मिल गया। ठीक पोर्ट से लग कर सब आयोजन हो रहा था वापस जाने की जल्दी भी नहीं थी। सारे पब्लिक रोड के दोनों ओर कतार वध खड़े होकर सब प्रोग्राम देख रहें थे. हमलोग भी ऐसा मौका क्यों छोड़े कभी देखे नहीं थे, हमलोग भी खड़े होगये प्रोग्राम देखने।
सबसे पहले एक लाइन से रंग -बिरंगा कार आना शुरू हुआ। हमलोग सोचे अब सायकल रेस में कार का क्या काम। पता चला की खेल और खिलाड़ी को जो जो कंपनी ऑर्गनाइज किये है वे चीयर्स करने आये है। सभी कार से अपने -अपने प्रोडक्ट को दर्शेकों को बाँटने लगे। कोई चश्मा ,कोई थर्मस ,तो कोई टोपी ,तो किसी कार वाले टीशर्ट इत्यादी नाना प्रकार के सामान। पब्लिक भी खुश कार वाले भी खुश। कार का काफिला आगे बड़ा तो एक -एक दल के खिलाड़ियों का ग्रुप आना शुरू हुआ। उनका परिचय होता गया और वो दल बढ़ता गया। घंटो ये सिलसीला चला उसके बाद ही रेसिंग शुरू हुआ। पोर्ट से उनका सायकल रेस आगे बड़ा और हमलोग भी अपने क्रूज में आगये।
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