मिर्टल का फूल
सावनी के फूल
मिर्टल सदा हरा भरा झाड़ी नुमा पौधा है।इसका फूल चटक रंग का होता है और गुच्छे में खिलता है। 3 -4 रंग का होता है पर सफ़ेद और गुलाबी लिये हुए बैगनी रंग ही प्रमुख है। बरसात में पौधा फूलों से भरा रहता है।शायद इसलिएइसका एक नाम सावनी भी है। बरसात में फूल हो जाने के बाद अच्छी तरह कटाई -छटाई कर देना चाहिए। स्वीडिश बॉटनिस्ट लिन्नेरेउस ने 1753 में इस पौधे की खोज की थी। इस पौधा का जिक्र बाईबल में भी है। जैसे हमलोग बचपन में विद्या पौधे की पत्ती लेकर विद्या कसम बोलते है ,वैसे ही बाईबल में गॉड प्रॉमिस के लिये उपयोग किया जाता है।मिर्टल का पौधा पुरे भारत में पाया जाता है और हर जगह अलग नाम से जाना और पहचाना जाता है। इस पौधे के नाम सिद्धेश्वर ,जारूल ,सावनी ,पावलाक्कुरिन्जी आदि भी है।
सावनी के फूल
मिर्टल सदा हरा भरा झाड़ी नुमा पौधा है।इसका फूल चटक रंग का होता है और गुच्छे में खिलता है। 3 -4 रंग का होता है पर सफ़ेद और गुलाबी लिये हुए बैगनी रंग ही प्रमुख है। बरसात में पौधा फूलों से भरा रहता है।शायद इसलिएइसका एक नाम सावनी भी है। बरसात में फूल हो जाने के बाद अच्छी तरह कटाई -छटाई कर देना चाहिए। स्वीडिश बॉटनिस्ट लिन्नेरेउस ने 1753 में इस पौधे की खोज की थी। इस पौधा का जिक्र बाईबल में भी है। जैसे हमलोग बचपन में विद्या पौधे की पत्ती लेकर विद्या कसम बोलते है ,वैसे ही बाईबल में गॉड प्रॉमिस के लिये उपयोग किया जाता है।मिर्टल का पौधा पुरे भारत में पाया जाता है और हर जगह अलग नाम से जाना और पहचाना जाता है। इस पौधे के नाम सिद्धेश्वर ,जारूल ,सावनी ,पावलाक्कुरिन्जी आदि भी है।