मातृ नवमी
अश्विन मास में 16 दिन पूर्णिमा से अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध मनाया जाता है। जिस तिथि को जिस पुरुष की मृत्यु हुई हो उस दिन उनके लिये हवन ,पिण्ड दान ,तर्पण वगैरा किया जाता है। परन्तु माताओं का नवमी तिथि को ही श्राद्ध किया जाता है। पता नहीं क्यों महिलाओं के लिये एक ही तिथि बनाया गया है।पुरुषों को उनके तिथि में , उस ज़माने से ही महिला और पुरुष में भेद भाव किया जाता था।
जो हो पर माँ को गुजरे 6 महीना हो गया है , माँ का तारिख भी 9 था ,तिथि भी 9 ही था और आज नवमी भी है। दिन कैसे बीत जाता है। कभी लगता है की कल का ही बात है और कभी लगता है की बहुत दिन व्यतीत हो गया।माँ को गुजरे 6 महीना होगया। हमसबों की प्यारी छोटी काकी को भी गुजरे 6 साल हो गया। अब समय को तो कोई नहीं रोक सकता वह तो चलते रहेगा, बस सबों की यादे ही रह जाती है।
हमारी माँ ,काकी माँ ,सासु माँ ,भाभी माँ सभी माँओं को विनम्र श्रद्धांजली
ओम शांति शांति शांति
अश्विन मास में 16 दिन पूर्णिमा से अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध मनाया जाता है। जिस तिथि को जिस पुरुष की मृत्यु हुई हो उस दिन उनके लिये हवन ,पिण्ड दान ,तर्पण वगैरा किया जाता है। परन्तु माताओं का नवमी तिथि को ही श्राद्ध किया जाता है। पता नहीं क्यों महिलाओं के लिये एक ही तिथि बनाया गया है।पुरुषों को उनके तिथि में , उस ज़माने से ही महिला और पुरुष में भेद भाव किया जाता था।
जो हो पर माँ को गुजरे 6 महीना हो गया है , माँ का तारिख भी 9 था ,तिथि भी 9 ही था और आज नवमी भी है। दिन कैसे बीत जाता है। कभी लगता है की कल का ही बात है और कभी लगता है की बहुत दिन व्यतीत हो गया।माँ को गुजरे 6 महीना होगया। हमसबों की प्यारी छोटी काकी को भी गुजरे 6 साल हो गया। अब समय को तो कोई नहीं रोक सकता वह तो चलते रहेगा, बस सबों की यादे ही रह जाती है।
हमारी माँ ,काकी माँ ,सासु माँ ,भाभी माँ सभी माँओं को विनम्र श्रद्धांजली
ओम शांति शांति शांति