बुधवार, 20 अप्रैल 2016

AKSHAYA TRITIYA

THU,21 MAY
                                                            आखातीज 
                      वैसे तो हर साल वैशाख में तीज के दिन आखातीज का त्यौहार मनाया जाता हैअपने -अपने सामर्थ से अपनी श्रद्धा से लोग दान करते हैं। इस बार 9 मई को आखातीज है। पर आज पुराना फोटो देख कर 33 साल पहले वाला आखातीज याद आगया। आज से 33 साल पहले आखातीज के दिन 1983 मई को हमलोगों का गृहप्रवेश हुआ था। तारिख तो याद नहीं है पर सन 83 याद है। तब और अब में ज्यादा तो कुछ फरक नहीं हुआ। बस पेड़ पौधा कुछ नया लगा तो कुछ पुराना पौधा विशाल पेड़ बन गया। उस समय बच्चे छोटे थे अपनी दादी के साथ गार्डन में बैठ कर फोटो लिये औरअब  हम खुद दादी बन गए  . 








रविवार, 17 अप्रैल 2016

MORNING FLOWER( PORTULACA GRANDIFLORA )

SUN ,17 APR
                                                            मेहनत रंग लाई 
                                                   मॉर्निंग फ्लॉवर ( 9 से 12  )
                     नेचर भी बहुत ही अजीब होता है। कभी कहीं बहुत गर्मी तो कभी कहीं वर्फ बारी फिर भी हर देश और हर छेत्र में अपना अलग ही पेड़ -पौधा होता है और वहाँ के मौसम के अनुसार किसम -किसम का फूल -फल होता है। अब रायपुर में इतना गर्मी में भी बहुत पेड़ पौधा सूख जाता है तो बहुत पौधा का फूल का बहार गर्मी में ही है।
          नाम है मॉर्निंग फ्लॉवर जिसे बोल -चाल की भाषा में 9से 12 बोल जाता है।




 सुबह 8 बजे से खिलना शुरू होता है और 12 बजते तक बन्द हो जाता है। क्यारी हो या गमला बस देखते ही बनता है। 40 डिग्री में भी फूल खिलना मायने रखता है। हमको भी बीज मिला एक महीना बीज डालने के बाद सेवा करना पड़ा और फूल आने का इंतजार करना पड़ा। एक महीने में पौधा भी तैयार हो गया और फूल भी आना शुरू हो गया रंग -बिरंगा मिक्स फूल का बहार आगया। अब चारो तरफ  फूल ही फूलआखिर  मेहनत रंग लाया।  

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

ADENIUM FLOWER BLOOMS

SAT,2 APR
                                                            बगिया में  एडीनम की बहार 
                वैसे तो एडीनम बारों महीना खुब खिलता है। पर 10 साल से लगातार भरपूर फूल हो रहा है। न तो सेवा करवाता है और नहीं तो कुछ विशेष देख भाल करना पड़ता है। बस फूल का मजा लेते रहो। रायपुर का गर्मी भी इसे शूट कर गया ,गार्डन का बहार है।रायपुर के लिये ऐसा ही पौधा अच्छा है। कहते है न दिल  बाग -बाग हो गया सचमुच एक साथ इतना फूल देख  दिल बाग - बाग हो गया।