शनिवार, 27 अप्रैल 2019

BANANA TREE

                              केला

               केला का फल स्वादिष्ट और बहुत ही उपयोगी तो होता है ये तो सब ही जानते है। हमारे हिन्दू धर्म में भी  हर शुभ काम में केला का  फल और केला का गाँछ काम में लिया ही जाता है। जाने अनजाने में हम भी अपने बगीचे में दो केला का पौधा लगा दिए थे। दस साल हो गया तब से हर साल खूब होता है और बरसात में फिर से लाईन से केला का कंद लगा देते है।
   साऊथ में बहुत वेराइटी का केला होता है। जहाँ छोटा पीला केला खाने से सर्दी जुकाम नहीं होता है। वहीं लाल केला उबाल कर खाया जाता। केले का मीठाचिप्स और नमकीनचिप्स तो साऊथ में बहुत ही प्रचलित है वहीं यहाँ केला का मीठा पकौड़ा और नमकीन पकौड़ा भी बहुत खाया जाता है जिसे फलम पूरी बोला  जाता है। पकौड़ा वाला केला भी अलग आकार -प्रकार का होता है। बंगाल और दक्छिण  भारत में कच्चे केले के फूलऔर तना का भी सब्जी बनता है ।दक्छिण भारत में हर होटल हो या घर हो या दिन का सापर पार्टी ,एक केला जरूर खाने में परोसा जाता है।
  हमारा केला तो खूब स्वादिष्ट और मीठा गूदे दार है। जब केला का गुच्छा तैयार होता है तो खाते तो है ही और सबों को बांटते भी है. खाने से ज्यादा पेड़ में देख कर और बाँट कर खाने में  प्रसन्नता होता है।






    

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

PLUMERIA FLOWER

                        काठ चंपा    ( प्लूमेरिया  )


            प्लूमेरिया का प्लांट मेक्सिको ,सेंट्रल अमेरिका ,करेबियन,हवाई इत्यादी जगहों से होते हुए सारी दुनिया में फैला है।वैसे गर्म जलवाऊ में साल भर प्लूमेरिया के पेड़ में फूलों का बहार रहता है।आजकल हाईब्रीड प्लूमेरिया का पौधा रोड के किनारे ,पार्क ,गार्डन में अनेक रंग के  फूलों से लदा देखने मिल जाता है। ओरिजनल प्लूमेरिया करीब 30 फ़ीट ऊँचा होता है औ रफूल का दल  सफ़ेद रंग का और बीच में पीला रंग का होता है। फूल का दल  मोटा होता है और रोज ही खिलता तथा झाड़ता है। पर हाईब्रीड प्लूमेरिया झाड़ी नुमा और फूलों से लदा होता है लाल ,पीला ,गुलाबी ,सफ़ेद कई रंगो में होता है तथा इसका फूल का गुच्छा हफ्तों रहता है ,रोज खिलना और झड़ना का प्रॉब्लम नहीं होता है इसलिए आजकल सब हाईब्रीड पौधा ही लगाते है। लगाना भी आसान है कटींग से लग जाता है सेवा भी ज्यादा नहीं करना पड़ता है।पौधे को पानी भी कम और धुप भरपूर चाहिए।
    अलग अलग प्रान्त में अलग नाम से भी पुकारा जाता है। बंगाली में काठ चंपा ,मराठी ,गुजराती में नाग चंपा ,चापा इत्यादी नामो से जाना जाता है। हाईब्रीड फूल में खुशबू नहीं होता है देशी में हल्का भीना -भीना खुशबु के कारन ही चंपा बोला जाता होगा।
   हवाई द्वीप में इस के फूल को बहुत शुभ माना जाता है और इसे कानो में खोसा जाता है और माला भी पहनते है।बुद्धिस्ट लोग इसे शुभ मानते है और मंदिर के चारो ओर इसे लगाते। .हम भी पौधा का कटींग लगाए थे ,दो साल में अब जाकर पौधा में सफ़ेद फूल का बहार देखने मिला। । 

    

रविवार, 21 अप्रैल 2019

POONAM KI RAAT

                         पूनम की रात 

         बच्चे छुट्टी में घर आये हुए है पूर्णिमा भी था. बस झटपट सुनीता पार्क में रात रुकने का प्रोग्राम बन गया।फिर क्या था पूरा परिवार चांदनी रात का मजा लेने ,पार्क के टुयलिप एरीना में रुक गए।छत से फुल मून तो देखे ही ,बच्चों के संग मौज ,मजा -मस्ती भी हो गया। सुबह पार्क में घूमना ,टेरेस गार्डन देखना ,ग्राउंड की सैर भी हो गया।गुड फ्राइडे ,हनुमान जयन्ती और पूर्णिमा सब एक ही दिन होने से छुट्टी का पूरा आनंद सबों ने उठाया। 
   







     

मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

WORLD IS SPHERICAL

                      NORTH  POLE  TO  SOUTH  POLE

                                     दुनिया  गोल है

                दुनिया की सैर करीब 30 -35 सालों से कर रहे है।कश्मीर से कन्याकुमारी हो या ग्लोब का चक्कर ,सभी कॉन्टिनेंट ,सभी महासागर ,आर्कटिक हो या अंटार्टिक बस घूमे जा रहे है।
     आज से करीब 50 -60 साल पहले तक छुट्टियों में नानी -दादी के घर ,या अपने प्रान्त के किसी रिश्तेदार के घर में किसी उत्सव में ही जाने का रिवाज था। घर के बड़े बुजुर्ग तीर्थ यात्रा करते थे। उस ज़माने में साधन भी नहीं था ,और रिवाज भी नहीं था। अब तो बच्चे लोग अपने विद्यार्थी जीवन में कई जगह स्कूल से और कुछ अपने परिवार के साथ घूम लेते है।
        हम बहुत ही लक्की है की शादी के बाद से ही भारत तो भारत विदेश में नार्थ पोल से साउथ पोल पूरा ग्लोब का राउंड लगा डाले है। पहले दिल्ली -बॉम्बे ही बहुत दूर लगता था। नार्थ पोल का कॉड फिश और साउथ पोल का पेंगुइन भी देख लिये। ऑस्ट्रेलिया में कंगारू ,ऑस्ट्रिच इत्यादी।
   नार्थ पोल में नॉर्वे का लास्ट शहर होनिग्सवाग जो की आर्कटिक सर्कल के सबसे करीब है ,और जहाँ सालों भर बर्फ जमा रहता है और ठण्ड होता है। 6 -6 महीना का दिन और रात होता है। वहाँ का भी राउंड लगाए ,जिसका सर्टीफिकेट भी मिला।
   साउथ पोल में अर्जेंटीना का लास्ट शहर उशुआइया जिसे वर्ल्ड का लास्ट शहर बोला जाता है। जो की अंटार्टिक सर्कल के करीब हे। यहाँ भी बारो महीना बर्फ और ठण्ड होता है। यहाँ भी 6 -6 महीना का दिन और रात  होता है। वहाँ का भी राउंड लगा लिये और उसका भी सर्टीफिकेट मिला।
        भारत के नार्थ ईस्ट में अरुणाचल के तवांग में घूमे उसका भी सर्टीफीकेट मिला।
     दोनों ध्रुवों में भले ही ठण्ड हो और रात  दिन 6 -6 महीना का होता है। और चाँद और सूरज भले ही 6 -6 महीना नहीं दिखता है पर एक ध्रुव तारा ही ऐसा  है जो की बारहों महीना और तीसों दिन दोनों ध्रुव से दीखता है।
    हमलोगों के पौराणिक कहानी में भी ध्रुव तारा का जिक्र है की आसमान में हमेशा ध्रुव तारा चमकता है। हमारे पूर्वजों, रिषी, मुनि कितने ज्ञानी विज्ञानी थे की उन्हें भी ग्रह नछत्र का उस ज़माने से जानकारी थी ,और वे कहानी के रूप में ग्रंथों में इसका जिक्र करे थे।











         

सोमवार, 15 अप्रैल 2019

COUNTRY OF MID NIGHT SUN

             कंट्री ऑफ़ मिड नाईट सन

     नॉर्वे पृथ्वी के उत्तरीय ध्रुव के पास स्थित होने के कारण यह देश बहुत ही ठंडा है। चारों ओर बर्फीली पहाड़ियों और ग्लेशियर से भरा पड़ा है।नॉर्वे बहुत ही शांति प्रिय देश है। यहाँ ना के बराबर क्राईम होता है। 16 साल तक के बच्चों को जुर्म करने पर भी कोई सजा नहीं दिया जाता है। 21 साल के बाद ही बच्चों को बड़ा माना जाता है ,और वे स्वतंत्र रहते है।यहाँ छोटे बच्चों से विज्ञापन भी नहीं करवा सकते है। यहाँ फाँसी की सजा भी नहीं दिया जाता है। यहाँ का जेल सर्व सुविधा से लैस  है और कैदियों को जेल में सुधरने का मौका दिया जाता है ,जिससे बाहर आने पर फिर से गलत काम नहीं करे। यहाँ कुत्तों को बांध कर नहीं रख सकते।
      यहाँ के लोग दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा पुस्तक पढ़ते हैं। हर साल यहाँ की सरकार हजारों पुस्तकों को खरीद कर लाइब्रेरियों को देती है। नॉर्वे के ओस्लो में शांति का नोबल पुरस्कार सेण्टर है जहाँ हर साल पुरस्कार दिया जाता है। दुनिया का सबसे मँहगा शहर नॉर्वे ही है। नॉर्वे के हर शहर से गर्मियों में मिड नाईट सन दिखता है।हमलोग गर्मी में गए थे तो हमलोग को भी आधी रात को सूरज देखने मिला। चारो तरफ उजाला ही उजाला अँधेरा था ही नहीं।
       नॉर्वे में तलाक दर 50 % है। यहाँ के लोगों का मानना है की जन्म एक बार ही होता है ,और मृत्यु भी एक बार ही होता है।ये लोग पुर्नजन्म  नहीं मानते है ,इसलिए अपनी -अपनी जिन्दगी अपने तरीके से जीना पसंद करते है। जब तक साथ रह सकते है तब तक तो साथ रहते है ,जब लगता है की अब अलग होने में ही दोनों की भलाई है तो दोनों तलाक का फॉर्म ऑन लाईन भर देते है ,कुछ दिनों में तलाक मिल जाता है। और दोनों अलग रहने लगते है। बच्चों की परवरिश दोनों को बारी -बारी एग्रीमेंट के अनुसार करना पड़ता है। बच्चे जब 21 साल के हो जाते है तो वे काम करने लगते है और अलग रहने लगते है।सरकार भी बच्चों की परवरिश का खर्चा उठती है। नॉर्वे में शादी ,तलाक और फिर शादी बहुत ही आम बात है।
  यहाँ तलाक रेट ज्यादा होने पर भी परिवार को बहुत महत्व दिया जाता है। जहाँ 2 -३ दिन की छुट्टी हुई जंगल में परिवार के साथ छुट्टी मनाते हैं।शनिवार -रविवार को सिटी और मॉल के बदले जंगल में भीड़ होता है और बाजार एकदम सुना रहता है।विदेश में नौकर तो रखा नहीं जाता है सब काम खुद करना पड़ता है ,इसलिए यहाँ बड़ा अच्छा नियम है की पति और पत्नी दोनों को घर का सारा काम ,कुकिंग वगैरा बारी -बारी से 3 -3 दिन करना पड़ता है ,दोनों जॉब और घर का काम ,कुकिंग ,बच्चों का लालन पोषण सब मिलजुल कर करते हैं।
    यहाँ रोड क्रॉस करने का नियम भी बहुत इंटरेस्टिंग है। वैसे तो जेब्रा क्रॉसिंग और ट्रैफिक लाईट के अनुसार ही सारे दुनिया में रोड क्रॉस किया जाता है, परउसके अलावा यहाँ पैदल चलने वाले ,पालतू कुत्ता -बिल्ली जानवरों वग़ैरों को छूट है। कोई भी गाड़ी आरही हो पर किसी को रोड के उसपर जाना हो तो सभी गाड़ी वाला गाड़ी  रोक देगा और जब रोड क्रॉस कर लो तब ही वह आगे बढ़ेगा
    पुरे नॉर्वे में जर्मनी जैसा ही सायकल का बहुत ही चलन है। सायकल और पब्लीक ट्रांसपोर्ट उपयोग करने से ना तो ट्रैफिक जाम का प्रॉब्लम और न तो पलूशन का प्रॉब्लम। चारो तरफ हरियाली ही हरियाली। सब देश ये तरीका अपना ले तो पेट्रोल का प्रॉब्लम भी सॉल्ब हो जायेगा।





   

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

BHUTHNATH MANDIR SONARI

               भूतनाथ मंदिर सोनारी (शिव मंदिर )
   
      सोनारी के न्यू सी एच् एरिया में एक प्राचीन शिव मंदिर है,जो की भूतनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। आजादी के पहले घने जंगल के बीच में छोटा सा शिव मंदिर था। कब बना किसने बनवाया किसने खोजा इसका ठीक से किसी को पता नहीं है। मंदिर का कैम्पस काफी बड़ा है मंदिर में एक शनि देव महाराज का भी मंदिर है जो की ज्यादा पुराना नहीं है। फिर भी 10 -15 साल तो हो ही गया होगा। हर साल जून में बहुत ही धूम -धाम से वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। कैम्पस में एक विशाल वट का जटा -जूट वाला पेड़ भी है जो शिव मंदिर प्राचीन होने का गवाह है।हर शनि वार को अल सुबह ही भक्तों का ताँता शनि देव मंदिर में लग जाता है। शिव मंदिर में तो सालो भर जल चढ़ाने वाले आते ही है, इसके आलावा पूरा सावन महीना और हर सोमवार को स्पेशल पूजा अर्चना भजन वगैरा चलता ही रहता है।मंदिर कैम्पस में ही छोटा -छोटा देवी मंदिर और दूसरा मंदिर का निर्माण चल ही रहा है। इस मंदिर का कैंपस बड़ा होने के कारण श्रद्धालु लोग हर साल फल -फूल का पौधा रोपण भी बहुत कर रहे है.जिससे हरियाली बनी रहे और पर्यावरण भी संतुलित हो।
   वैसे इस मंदिर के आचार्य पंडित जितेंद्र पांडे के पूर्वज तीन पीढ़ी से देख भाल कर रहे है।जितेंद्र पंडित जी के नाना आज भी प्रमुख पंडित है जो की शिव मंदिर की देख भाल करते है और उनके मामा ,चाचा वगैरा बाकी भी मंदिर में पूजा करवाते है।











      

सोमवार, 8 अप्रैल 2019

TELCO COLONY

                     टेल्को कॉलोनी

        जमशेदपुर के टेल्को कॉलोनी में पूरा बचपन गुजरा पर बाबा के रिटायर होने के बाद टेल्को जाना ही नहीं हो पा रहा था। जब टाटा जाते तो बस साकची ,बिष्टुपुर ,जुबलीपार्क ही घूम -घाम के वापस लौट जाते थे। आखिर इस बार टेल्को जाने का मौका मिल ही गया। बाबा का भी मन हुआ चलो टेल्को घूम आये। विवेक भाई के कारण पूरा कॉलोनी अच्छी तरह घूमे। भाई ने एक -एक मुहल्ला जहाँ बचपन में दौड़ते थे खेलते थे। टेल्को क्लब ,मंदिर स्टेडियम ,पार्क सभी जगह घुमाया। बचपन का घर भी गए ,वहां बाबा के हाथ से  लगाया हुआ लीची और बेल का पेड़ फल से लदा देख कर बड़ा अच्छा लगा। टेल्को क्लब का स्वरुप ही बदल गया था। वहां गार्डन ,स्विमिंग पुल ,रेस्टुरेंट ,लाइबरेरी सब देखे। बाबा अपना पुस्तक भी डोनेट किये।इंजन पार्क ,ट्रक पार्क ,घड़ी पार्क सब देख कर बड़ा अच्छा लगा एकदम जैसा था वैसा ही अभी भी देखने मिला। टेल्को मेन हॉस्पिटल काफी बड़ा हो गया था।  सब जगह घूम कर बाबा की धर्म बहन के घर भी गए। वे लोग भी मिलकर बहुत खुश हुए। पूरा दिन घूमने में कैसे बीत गया पता ही नहीं चला।इस बार बहुत सारा बचपन का फोटो के साथ बाबा का रिटायरमेंट का फेयरवेल  वाला भी फोटो मिला।