मंगलवार, 24 जुलाई 2018

BIRDS OF PARADISE

                          बर्ड्स ऑफ़ पैराडाइस




                                             क्रेन फ्लावर



                 जैसा की नाम से ही लग जाता है की किसी पक्छी जैसा फूल होगा। बर्ड ऑफ़ पैराडाइस एकदम वैसा ही दिखता है। इसकी पत्ती केला के छोटे पौधा जैसा दिखता है। और 2 -3 फ़ीट से लेकर 4 -5 फ़ीट हाईट का इसका पौधा होता है। फूल भी करीब -करीब बारो माह होता है। लाल रंग और  ,नारंगी रंग का फूल होता है। सुबह का धुप और दिन भर थोड़ा छाँव पौधा के लिये जरूरी है। फिर तो फूल का आनंद ले सकते है। एक बार फूल सारे पौधे में हो जाता है, तो फिरमहीनों रहता है।  जड़ के पास से फिर अनेक पौधा निकलता है। छोटे पौधे को निकाल कर फिर क्रम में लगाने पर कुछ महीने बाद फिर फूल खिलता है। साल भर यही क्रम चलते रहता है।इस बार हमारे गार्डन में भी इसका बहार है।

रविवार, 22 जुलाई 2018

IXORA FIOWER

                  PINK BEAUTY
                              IXORA FLOWER

                      इक्सोरा का पौधा झाड़ीनुमा होता है। इसे रंगन ,रुक्मण ,जंगल फ्लेम भी बोला जाता है। हेज के रूप में बगीचे के क्यारी में लगा सकते है। इसका फूल कई रंगों का होता है। लाल ,पीला ,सफ़ेद ,गुलाबी आदि।गार्डन में रंगन का  गुलाबी फूल का बहार आया है तो फोटो लिये बिना  मन ही नहीं भरा। वैसे लाल भी हुआ है। पर गुलाबी फूल पौधा के सर से पैर तक भरा है। लगता है गार्डन में पिंक ब्यूटी हो। फूल एक साथ खिलता है फिर हफ्तों रहता है ,फूल सूखने के बाद थोड़ा कटाई -छटाई करने पर कुछ महीने बाद फिर से पौधा में फूल का बहार आजाता है। पूजा में भी काम आता है और रंगन का फूल ,पत्ता ,सभी आयुर्वेद दवाई भी बनाने का काम आता है। गार्डन का शोभा भी बढ़ जाता है।



गुरुवार, 19 जुलाई 2018

SHAMI PLANT

                         शमी का पेड़

      शमी रेगिस्तान में पाया जाने वाला एक बहुत ही उपयोगी पेड़ हे। जहाँ रेगिस्तान में तेज धूप और गर्मी में छाँव देने का काम करता है वहीं इसके फूल और फल को खाया जाता है इसका फल फल्ली जैसा होता है और उसे सूखा कर राजस्थान में इसकी सब्जी बनती है जिसे सांगड़ी बोला जाता है।
              हिन्दू धर्म में भी इसका बहुत महत्त्व है। माना जाता है की अज्ञात वास के दौरान अर्जुन ने अपना गांडीव धनुष इसी पेड़ में छुपाया था। इस पेड़ में लक्ष्मी और शनि का वास भी बोला जाता है इसलिए घरों में शमी का पौधा लगाते है और पूजा किया जाता है। इस पेड़ का छाल हवन में भी उपयोग किया जाता है। शमी के फूल ,फल ,पत्ते सभी दवाई बनाने के काम में भी आता  है।
     शमी का फूल भी कुछ कम नहीं है। देखने में बॉटल ब्रश जैसा पीला -गुलाबी लिये होता है। पर साल में एक बार ही होता है,और सब का मन मोह लेता है। रायपुर भी गर्म प्रदेश होने के कारण यहाँ भी इसका पेड़ अच्छी तरह फलता फूलता है। बरसात में थोड़ा कटाई -छटाई कर देने पर पौधा तो सुन्दर दिखता ही है ,और फिर ठण्ड के दिनों में फूल का बहार हो जाता है। मेरा शमी का पौधा दो ही साल का हरा भरा है पर फूल अभी तक नहीं आया ,शायद अगले साल से फूल आने लगे। फूल के लालच में लगा तो दिए है देखे कब फूल का दर्शन होता है।




मंगलवार, 17 जुलाई 2018

AJAWAIN PLANT

                                 अजवाइन का पौधा

                 अजवाइन एक झाड़ीनुमा वनस्पती  है।जो  मसाला और औषधी दोनों के काम आता है। पौधा छोटा सुंदर तो होता ही है ,साथ ही पत्ती  भी बहुत काम का होता है।इसका फल (वीज )छोटा ,भूरा ,ओवेल आकार का होता है। अजवाइन को सब्जी में बघारने में काम तो लिया ही जाता है ,साथ ही सेंक कर भी खा सकते है बहुत ही पाचक होता है।पत्ता भी स्वादिष्ट होता है पकोड़े में भी डाल सकते है। बेसन का कुछ भी बनाओ उसमें पत्ते को काट कर डालने से बहुत ही अच्छा फ्लेवर हो जाता है।
  दो साल हुआ अजवाइन का पौधा लगाए ,बहुत ही सुन्दर हरा -भरा हो गया है। अजवाइन का दाना तो अभी तक नहीं आया है पर पत्ता बहुत काम आरहा है। उसे ही देख कर खुशी मिलता है। दाना जब आएगा तब आएगा।



  

शनिवार, 14 जुलाई 2018

RATH YATRA

                       भगवान चले मौसी के घर 

        पुरी का रथ यात्रा वर्ल्ड फेमस तो है ही ,लेकिन पुरे भारत में करीब -करीब हर जगह भगवान जगन्नाथ का मंदिर है, और हर मंदिर से अषाढ़ के दूज को भगवान का रथ निकाला  जाता है। रथ भी खास काष्ट से बनाया जाता है और उसमें किसी धातु का इस्तमाल नहीं किया जाता है। राजा के ज़माने में रथ के आगे राजा झाड़ू लगाते थे फिर रथ को यात्रा के लिये आगे बढ़ाया जाता था। अब राजा तो है नहीं फिर भी शहर प्रमुख CM या गणमान्य लोग झाड़ू करते है फिर यात्रा शुरू होता है।
    मान्यता है की जगन्नाथ भगवान बीमार हो जाते है इसलिए स्वास्थ लाभ के लिये अपनी मौसी के घर विश्राम करने जाते है ,साथ में भाई बलराम और बहन सुभद्रा भी जाती है। दूज को रथ से जाते है और फिर दसवें दिन तीनो वापस आते है तब तक मंदिर का कपाट  बंद रहता है।
    हिन्दू धर्म में चार धाम का बहुत ही महत्त्व है। माना जाता है की भगवान विष्णु रमेश्वरम में स्नान ,पुरी में भोजन ,द्वारका में शयन और बद्रीनाथ में ध्यान करते है।इसी बहाने पूरा भारत एक हो जाता है और चार धाम का यात्रा करता है.  पूजा और भ्रमण दोनों हो जाता है।  हिन्दू धर्म कितना महान है इसी से पता चलता है ,परिवार को कितना महत्त्व दिया गया है। भाई -बहन का प्यार ,मौसी के घर भगवान अपने भाई -बहन के साथ जाते है।वो भी स्वास्थ लाभ के लिये। राजा रंक सब भगवान के सामने बराबर है इसलिए राजा झाड़ू लगाते थे रथ के सामने।  पर्यावरण को ही लिया जाये तो जब पेड़ लगायेंगे उचित देख भाल होगा जंगल रहेगा तब ही तो हर साल भगवान का काष्ट  रथ बनेगा ,और हर 12 साल में नया काष्ट मूर्ति जगन्नाथ जी का पुरी में बनता है।
   जो भी हो रथ यात्रा के बहाने एक अलग ही उत्सव का मौहाल हो जाता है। भगवान को प्रसाद भी जामुन और मूंग चढाया जाता है। कोई भी साधारण आदमी हो राजा या रंक हो उसे प्रसाद चढ़ाने में संकोच नहीं रहेगा, मौसम का फल आसानी से मिल जायेगा और प्रसाद चढ़ा सकेगा। 


गुरुवार, 12 जुलाई 2018

FRENCH FRIES DAY

                                फ्रेंच फ्राइज डे

           13 जुलाई को  अमेरिका में नेशनल फ्रेंच फ्राइज डे मनाया जाता है। मजे की बात ये है की नाम भले फ्रेंच फ्राइज हो पर ये फ्रांस की देन नहीं है। इसकी खोज बेल्जियम में 16 वीं शतब्दी में हुई। बेल्जीयम में जब सर्दियों के दिनों में नदी के किनारे आलू बर्फ में जम जाता था तो उसे फ्राई  कर के खाते थे। विश्व युद्ध के दौरान जब बेल्जियम में अमेरिकी सैनिक ने आलू का फ्राई खाया तो इसे फ्रेंच फ्राई नाम दिया। क्योंकि बेल्जियम में आर्मी की भाषा फ्रेंच थी।
    अब तो सारी दुनिया में अलग अलग नाम और अलग सॉस के साथ खाया जाता है। आलू में पोटैशियम होने के कारन फायदा भी करता है। जहाँ हमलोग अंगुल के आकर के कारन फिंगर चिप्स बोलते है और सॉस के साथ खाते है। वहीं UK में चिप्स बोला जाता है और फिश न चिप्स खाते है। मेक्सिको में गर्म सॉस और लेमन जूस के साथ सर्व करते है। वहीं कनाडा में कर्ड और वाइट सॉस के साथ सर्व किया जाता है। अब तो अनेक आकर और मसाला वाला भी रेस्टोरेंटों में मिलना शुरू होगया है। 13 जुलाई को USA में जगह -जगह फ्रेंच फ्राइज का स्टॉल लगाते है और फ्रेंच फ्राइज डे मनाते है।
  मेरा भी फेवरेट है हम भी विदेश यात्रा में भूख लगे और कुछ समझ नहीं आये तो खूब फ्रेंच फ्राइज खाते है। चाहे kfc हो ,मैक्डोनाल्ड या बर्गर किंग हर जगह आसानी से मिल ही जाता है। पेट भी भर जाता है और टेस्टी तो होता ही है।


   
      

रविवार, 8 जुलाई 2018

MAHALAKSHMI TEMPLE

                     महालक्ष्मी मंदिर

     मुंबई का एक और प्राचीन मंदिर ये भी 18 वीं सदी का बना हुआ है। समुन्दर के किनारे बहुत ही भव्य ,विशाल महालक्ष्मी जी का मंदिर है। मान्यता है की मंदिर के अंदर जो मुर्तिया है वह समुन्द्र से प्राप्त हुआ था। मंदिर में महालक्ष्छ्मी ,महाकाली और महासरस्वती जी की प्रतिमाएं है। प्रतीमा सोने और मोतीओं के आभूषणों से सुसज्जित है।लक्ष्मी जी शेर की सवारी में है।  मंदिर के मुख्य द्वार पर सुन्दर नक्काशी की गई है। मंदिर के प्रांगन में देवी -देवताओं की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित है।
      इस बार मुंबई जाना सफल हुआ। महालक्ष्मी और सिद्धिविनायक दोनों मंदिर जाने और दर्शन करने का मौका मिल ही गया। मन प्रसन्न हुआ ,दिल खुश हुआ।अब मान्यता जो हो मंदिर भव्य है ,मूर्तियां देख कर आदमी नतमस्तक हो ही जाता है। मजे की बात तो ये है की इतने सालों तक  मंदिर गए नहीं और जब दर्शन को पहुंचे तो याद आया अरे आज तो राजेश का शादी का सालगिरह है।  लगा चलो शुभ दिन में एक शुभ काम तो हुआ। देवी माँ बच्चों का भला करे ,खूब आगे बड़े तरक्की करे,स्वस्थ रहे  और क्या चाहिए।



SIDDHIVINAYAK MANDIR

                                   सिद्धिविनायक मंदिर

            मुंबई 40 साल से आना -जाना लगा ही रहता है ,पर पता नहीं कैसे सिद्धीविनायक मंदिर जाना नही हो पाया था। इस बार मंदिर जा पायें। 18 वीं  सदी का बना भव्य मंदिर देखे गणपती जी का दर्शन भी किये और मोदक का प्रसाद भी प्राप्त हुआ।
    मंदिर 5 मंजिला है ,गर्भ गृह करीब 10 फीट ऊँचा और 13 फ़ीट चौड़ा है। गणपती जी का विग्रह चतुर्भुजी है। गर्भगृह का शिखर स्वर्ण का और मंडप चांदी का है, गर्भ गृह में अष्टविनायक ,अष्टलष्मी और दशावतार की आकृति चित्रित है।गणपति जी के ऊपरी दाएं हाँथ में कमल पुष्प ,बाएं हाँथ में अंकुश ,नीचे के दाहिने हाँथ में माला और बाएं हाँथ में मोदक से भरा कटोरा है। गणपती का सूंड़ दाई ओर मुड़ा है। गणेश जी की दोनों पत्निया रिद्धी ,सिद्धी भी दाएं -बाएं मौजूद है। जो की धन ,ऎश्वर्य ,सफलता ,मनोकामना पूर्ण करने का प्रतीक है। गणेश जी के गले में सर्प और मस्तक में शिव जी जैसा त्री नेत्र भी बना है।
     कहा जाता है की बिना भगवान के बुलाये दार्शन नहीं होता है। 40 साल बाद ही सही रीता के कारण सिद्धिविनायक मंदिर जाने का मौका मिला। भगवान रीता का भला करे।