सोमवार, 26 सितंबर 2016

OLD AGE HOME

                                                      बुजुर्गों का बसेरा 

             रायपुर केसरवानी महिलाओं ने इस पितर पर रायपुर के बुजुर्गों को आश्रम में जा कर भोजन कराया। जहाँ बुजुर्गों को देख कर बड़ा दुःख हुआ की पता नहीं किन परिस्थिती में आश्रम में आश्रय लेना पड़ा होगा। वहीं वहाँ का इंतजाम देख कर अच्छा भी लगा ,आज भी लोगों में इतना सेवा भावना तो है की बुजुर्गों की देख -भाल हो रहा है। 


शनिवार, 24 सितंबर 2016

KITCHEN GARDEN

                                                   बाग बगीचा 

                घर में तरह -तरह के पुष्प गुछ हो तो आँखों को अच्छा लगना स्वभाविक है। यदि तरह -तरह के फल से लदे पेड़ हों तो और भी क्या कहना। हर मौसम में किस्म -किस्म  के फल आम हो या अमरुद ,केला हो या नारियल। धनिया हो या पुदीना ,तेज पत्ता हो या करी पत्ता,हल्दी हो या मेथी और अजवाईन , बस तोड़ो और इस्तेमाल करो। खुद भी खाओ और पड़ोसियों को भी खीलाओ । बाँट कर खाने का मजा ही कुछ और है। बस अब फिर से सीताफल , नारियल और चीकू के नए पौधों के बड़े होने का इंतजार है।पता नहीं जाने अनजाने में कैसे औषधीय गुणों से भर पुर इतने प्रकार का हर्ब और फलदार पेड़ लग गया।







  

गुरुवार, 22 सितंबर 2016

GARDEN GARDEN

                                                         बगिया में बहार 

               गर्मी की मार बारिस की बौझार के बाद, शरद रितु की तैयारी मौसम में परिवर्तन का संकेत ,अब हमारे बगिया में दिख रहा है। चारो तरफ हरियाली ही हरियाली ,रंग बिरंगे फूलों की बहार। बस देखते ही रहो ,और प्रसन्न होते रहो। वास्तव में शायद दिल बाग -बाग होना इसे ही कहते होंगे। 








गुरुवार, 15 सितंबर 2016

HINDI DIWAS CELEBRATION

                                       हिन्दी दिवस पर बाबा का सम्मान 
       
           हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। बाबा का जन्म दिन  भी 14 सितम्बर को  और बाबा लेखक भी,बाबा के हिन्दी लेखन के लिये इस बरस बाबा को झारखण्ड सरकार की और से सम्मान और पुरस्कार दिया गया। हमलोगों के लिये बहुत खुशी का दिन था। बाबा के जन्मदिन का उपहार इससे अच्छा और क्या हो सकता है।



मंगलवार, 13 सितंबर 2016

MY FATHER

                                                 मेरे बाबा 

                    मेरे बाबा आज  90 साल के हो गये हैं। पर अभी भी काफी एक्टीव हैं उम्र के कारन कुछ कमजोर जरूर हो गये हैं। बाबा को बचपन से बागबानी ,पढ़ना और स्टाम्प जमा करने का बहुत शौक है। पर बाबा 80 साल के उम्र में लेख लिखना शुरू किये समाचार पत्र में उनका स्टाम्प और बागवानी का अनुभव छपना शुरू हुआ। फिर कुछ लघु कहानियाँ लिखने लगे और ओभी छपा। अब तो बाबा का 7 -8 पुस्तक भी छप चुका है। इसे ही कहतें हैं माँ सरस्वती की कृपा। और मजे की बात तो ये है बाबा की माँ का नाम भी सरस्वती देवी था। 
      बाबा के कुछ पुस्तक का नाम ---
 1 2008 --केशरवानी  वैश्य समाज का इतिहास 
 2 2012 --अजनबी ( लघु कथा ) इसमें सम्मान भी मिला है ,अपने आसपास की घटना का वर्णन है। 
 3 2014 --झरोखा  ( लघु कथा )
 4 2015 --विष कन्या  ( बिहार के गाँव की कहानी )
 5 2016 --पुर्नमिलन (टाटा के चार मित्रो का मिलन 2 वर्ल्डवार के बाद अब )
 6 2016 --जॉगर्स पार्क की कहानियाँ 
 7 2016 --गुलदस्ता ( कथा पुष्पों का )
          पहले तो बाबा स्टाम्प प्रदर्शनी में भाग भी लेते थे.उनके पास हजारों दुर्लभ स्टाम्प  अभी भी है।बड़ा मन था की बाबा का इस बार धूम -धाम से पुरे परिवार भाई भतीजा के साथ मिल कर जन्मदिन मनायें पर जाना नहीं हो सका  .कोई बात नहीं बस भगवान उनको स्वस्थ रखे और वे हँसी ख़ुशी रहें।
   बाबा का भाई ,बहन,माँ -बाबा  सबों का फोटो  पुराने एलबम से डाल कर ही संतोष कर लेते हैं।



बाबा का परिवार 



बाबा के मित्र 



       बाबा दोस्ती भी निभाना जानते हैं उनके 2 -4  ही मित्र हमलोग बचपन से देख रहें है और वे लोग आज भी हमारे फैमिली फ्रेंड्स हैं और सबों का आना जाना बना हुआ है। चाहे 90 साल का मित्र हो या 95 साल का आज भी मिल  कर सबों को बहुत ही अच्छा लगता है।आज हिन्दी दिवस भी है ,बाबा का कुछप्रकाशित पुस्तक का फोटो भी डाल दिये है। 
प्रकाशित पुस्तक 

शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

MY 151 BLOG

                                              मेरा 151 वाँ  ब्लॉग 

                           वैसे तो कश्यप जयंती के बारे में लिखना और फोटो डालना हो गया। फिर भी कुछ और फोटो मिला अब 151 वाँ ब्लॉग में डाल रहें है। पुजा और कुछ ईनाम का। पहले बाबुजी ,भैया, बालकृष्ण लोगों ने समाज को जोड़ने कुछ -कुछ प्रोग्राम करते रहते थे ,पर अब बहु नाती ,पोता लोग और भी अच्छे तरह से प्रोग्राम संचालित करने लगे है देख कर बड़ा अच्छा लगता है। नाती आलोक और बहू उमा का भी सम्मान किया गया ओभी नाना के हांथो तो अच्छा लगना स्वभाविक है।







ऐसे ही समाज का गेदरींग और संस्क्रीति कार्यक्रम होते रहना चाहिए।  

मंगलवार, 6 सितंबर 2016

KASHYAP JAYANTI

                                       महर्षि  कश्यप  जयंती समारोह 
                          
                     हर साल रिषी पंचमी के दिन  कश्यप जयंती  मनाया जाता है।कल रायपुर में भी मनाया गया था।         हम   केशरवानीयों का गोत्र कश्यप है इसलिए हमलोग ये जयंती मनाते  हैं। सवर्प्रथम दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना हुआ। फिर गणेश बंदना के बाद कार्यक्रम आरम्भ किया गया। 
       समाज के युवा वर्ग ,महिलाएँ और छोटे -छोटे बच्चोंने ने बढ़ चढ़ कर कार्यक्रम में भाग लिया। इस बार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ थीम पर पुरा प्रोग्राम था। आमिर के सत्यमेव जयते के गाने ओरे चिड़ैया पर आधारित नाच ,गाना और ड्रामा हुआ। जो की बहु ,बेटी और छोटे बच्चोने प्रोग्राम कर  सब का मन मोह लिया। 
                प्रोग्राम के बाद दसवीं और बारवीं के अच्छे नंबर से पास हुए बच्चों को ईनाम दिया गया। वहीं डांस -ड्रामा में भाग लेने वाली महिलाओं और बच्चों को भी ईनाम दिया गया। फिर प्रोग्राम के समाप्ती के बाद स्वलपाहार का कार्यक्रम भी हुआतीन -चार घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। सबों का गेटटूगेदर भी होगया।