गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

WATER CABBAGE PLANT ( PISTIA )

                      जल सलाद पत्ता (LETTUCE POND PLANT )


                जल सलाद पत्ता   अफ्रीका मूल का पौधा है। सवर्प्रथम नील नदी के पास विक्टोरिया लेक में दिखा था।गावँ वाले इसे सलाद जैसा  खाने में उपयोग करने लगे। वाटर कैबेज का पौधा जल में तैरता है, इसे एक्वेरियम में भी रख सकते है।  इसका पत्ता 10 इंच तक गोलाई में होता है। इस का पत्ता स्पॉंजी हरा होता है, पौधे में स्टेम नहीं होता है सीधे जड़ से निकलता है। जड़ सॉफ्ट छोटे -छोटे बाल वाला होता है। देखने में खूबसूरत और ज्यादा देख भाल भी नहीं करना पड़ता है। बस पीला पत्ता निकालना  पड़ता है और पानी टब में डालना होता है। बहुत पुराना होने पर पूरा टब खूबसूरत पत्तों से भरा कैबेज जैसा दीखता है इसलिए इसे वाटर कैबेज या लेटुस प्लांट भी बोला जाता है।
          आज से 5 -7 साल पहले ऊषा के घर में भिलाई में देखे थे। वहाँ से हमलोग लाकर छोटे छोटे प्याली में एक -एक लगाए थे। देखते -देखते पूरा प्याली छोटा पड़ गया था फिर बड़े प्लास्टिक के टब में डालना पड़ा इसका ग्रोथ बहुत तेजी से होता है। कुछ दीनो के बाद ठीक से देख भाल नहीं होने के कारण  पूरा पौधा ही गल कर ख़राब हो गया। अब फिर से एक महीना हुआ नया पौधा मिला तो उसे ठीक देख रेख में रखे है और तेजी से टब में फैल रहा है। 




       

सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

RAIPUR KI SAIR

                                रायपुर की सैर
                                            बहना के संग

                      चालीस साल में पहली बार ज्योति  बहन रायपुर आई। तो स्वभाविक था रायपुर अच्छे से घुमाना। चालीस साल पहले का रायपुर और आज का रायपुर में अंतर भी बहुत था। फिर भी जो भी अच्छा बुरा था हमलोगों ने खूब घुमा -फिरा। पुरानी बचपन की बातें याद करके खूब मजे किये। दो -चार दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। घर में सबों को भी मिलना अच्छा लगा और बहन ज्योति  को भी बहुत मजा आया।खट्टी -मीठी यादें लेकर वापस भी चली गयी।















गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

INDIAN BAY LEAF

                       तेजपत्ता ( दालचीनी  )

      तेजपत्ता स्वाद ,सुगंध ,औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी के अलावा भारतीय रसोई की शान है। भारत ,बंगलादेश ,नेपाल ,भूटान चीन इत्यादी देशों में पाया जाने वाला पेड़ है। 50 -60 फीट हाईट वाला पेड़ है। 100 साल के करीब इसकी आयु है। जीतना पुराना पेड़ हो जाता है तो इसके तना और छाल से ही दालचीनी मिलता है। इस पेड़ से तेजपत्ता और दालचीनी दोनों ही मिलता है जो रसोईं में मसाले का काम करता है। साल में दो बार कटाई -छटाई कर पत्ता सूखा कर मसाले के काम में लेलेते है।नया पत्ती लाल -लाल  पेड़ में  सुंदर दिखता है।
        जब छोटे थे तो दादा अपने मित्र के घर से खूब सारा तेजपत्ता लाते थे दादी पत्तों को सूखा कर रखती थी।फिर माँ रसोईं में काम में लेती थी।  दादा अपने मित्रों के साथ रोज वहाँ जाते थे हमलोग तेजपत्ता क्लब नाम दिए थे। उस समय समझ नहीं आता था की दादा का मित्र पेड़ काट कर पत्ता क्यों बाटते है। पर जब हम अब घर में लगाए तो पता चला की हर बार पेड़ की कटाई करने पर पत्ता थोड़े फेकेंगे ,सबों को बाट ना ही पड़ता है। अकेले तो यूज़ नहीं कर सकते है।
      एक बार केरला गए थे वहाँ पर मसाले का गार्डन घूमने मिला वहीं पता चला की एक ही पेड़ से दालचीनी और तेजपत्ता मिलता है, पेड़ पुराना होना चाहिए। मेरा तो 8 -10 साल ही पुराना पेड़ है अभी तो पत्ता ही काम में ले रहे है. जब  और भी ज्यादा पुराना और बड़ा पेड़ हो जायेगा तब ही दालचीनी भी मिलने लगेगा। है ना कमाल का पेड़।