रविवार, 23 अप्रैल 2017

WORLD BOOK DAY

                                                               विश्व पुस्तक दिवस 

                             विश्व पुस्तक दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। यूनेस्को द्वारा 23 अप्रैल ,1995 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसे विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के नाम से भी जाना जाता है। पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र होती है। पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती है। इस अवसर पर जगह -जगह पुस्तक मेला और ज्ञान वर्धक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। 
           वैसे आज कल पुस्तक तो छपते रहती है पर पढ़ने वाले बहुत कम हो गए है। हम बहुत लक्की है की हमारे पास अच्छा भला छोटा सा ही सही एक लाईब्रेरी है। बाबा के कारण कुछ लिखने पढ़ने का आदत पड़ गया। आज बाबा 91 वें साल की उम्र में भी लिखते पढ़ते रहते है और उनका लिखा बुक भी छपता है और लोग पसंद करते है। 
         अब जब सब जिम्मेदरी से मुक्त हो गए है तो समय बिताने के लिये बाबा का दिया ये शौक बहुत काम आरहा है। नहीं तो समय भी बिताना मुश्किल हो।  आज मेरा ब्लॉग भी 203 हो गया। पता नहीं कैसे इतना कुछ लिख दिए। 






शनिवार, 22 अप्रैल 2017

EARTH DAY

                                                             EARTH  DAY 

                                                               पृथ्वी  दिवस 

          पृथ्वी हमारी धरोहर है इसकी देख भाल करना हमारा कर्तव्य है। हमें इतना खनिज संपदा मिला है इसका दोहन रोकना जरूरी है। जंगल कट  रहा है दुर्लभ जीव जंतु, पेड़, पौधा लुप्त होते जा रहा है। इसे संभालना जरूरी है। धरती बचावो ,जीवन बचाओ ,जीवन खुशहाल बनाओ तब ही पर्यावण ठीक होगा और ग्लोबल वार्निग से बच सकेंगे। 
          वैसे 1970 में अमेरिका से पृथ्वी दिवस की शुरुआत हुआ। ,तब से हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया  जा रहा है।अब लोग जागरूक हो गये हैं, खूब पेड़ -पौधा लगा रहे हैं।ज्यादा नहीं तो कुछ तो पर्यावण ठीक करने में अपना योग दान  हम कर सकते है। 







गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

9 O' CLOCK ( MORNING FLOWER )

                                                        PORTULACA

                                                         9 O 'CLOCK
                                             


         पोर्टुलका फूल को बोलचाल में 9 से 12 फूल बोला जाता है। सुबह 9 बजे खिल कर 12 बजे तक बंद हो जाता है। पुरे गर्मी से बरसात तक रोज फूल खिलते रहता है। कोई सेवा जतन नहीं करना पड़ता है ,बस धुप और पानी मिलता रहे। हाँथ से टहनी तोड़ -तोड़ कर खोसते रहो और बढ़ते रहेगा। लाल ,पीला ,सफ़ेद ,गुलाबी बहुत रंग में फूल होता है। इसका हाई ब्रीड भी आता  है लेकिन देशी ही ठीक रहता है।




                                           

बुधवार, 19 अप्रैल 2017

MADHUMALTI

                                                                   मधुमालती 

               मधुमालती जैसा नाम वैसा ही बड़ा प्यारा भीना -भीना खुशबु वाला साल भर खिलने वाला फूल है। पूरा लता फूल-पत्ते से भरा रहता है. घर का शोभा तो बढ़ाता ही  है और घर ठंडा भी रखता है।ये भी औषधीय गुणों से भरपूर है। दवाई बनाने में फूल और पत्ते काम में लिया जाता है। 




सोमवार, 17 अप्रैल 2017

BOUGAINVILLEA

                                                                      कागज के फूल 
                                 
                                                                         बोगेनवेलिया 

                   बोगेनवेलिया का फूल एकदम कागज का लगता है और गुच्छा में होता है। जरा सा हवा चला की फूल झड़ कर उड़ जाता है। एकदम हल्का कागज जैसा। इस में भी पानी ना के बराबर और धुप जरूरी है। इसलिये बरसात में खूब बढ़ता है और फूल ना  के बराबर होता है, और बरसात के बाद जहाँ काट छांट हो जाता है ,फिर तो पूरा ठण्ड से गर्मी तक फूल का बहार रहता है। बॉउंड्री में लाईन से लगा हो तो फिर क्या कहना सोने में सुहागा। घर का रौनक भी बढ़ जाता है ,गर्म हवा से भी बचाव हो जाता है ,और ये सब देख कर मन तो प्रसन्न होगा ही और क्या चाहिए। पुरे घर में बोगेनवेलिया  का बहार ही बहार है।



शनिवार, 15 अप्रैल 2017

HIBISCUS

                                                       पूजा  के फूल 

                                                           गुड़हल 

                  गुड़हल का लाल  फूल गणेश ,दुर्गा और काली जी का प्रिय फूल है। पूजा में तो भगवान को चढ़ाया जाता ही  है ,लेकिन औषधी गुणों से भर पुर है। जड़ हो या पत्ती  या फूल सब दवाई बनाने के काम आता है।गर्म देश का पौधा है ,इसलिये पानी भी बहुत कम ही लगता है और फूल भी खूब होता है एक पौधा में 10 -15 फूल तो हो ही जाता है।
         देशी पौधा का सेवा भी नहीं करना पड़ता है और फूल भी बहुत खिलता है। चाहे लाल हो या सफेद। आजकल बहुत रंग का हाई ब्रीड पौधा आने लगा है, जितना फूल  नहीं खिलता उससे ज्यादा सेवा करना पड़ता है।मेरा तो देशी लाल और सफ़ेद गुड़हल ही खूब फूल रोज देदेता है पूजा के लिये भी मिल जाता है और गार्डन का शोभा भी हो जाता है।




    

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

BLUE WATER LILY

                                                नील  कमल 

                        नील कमल साल भर खिलता है ,बस सुबह की धूप भर पुर   मिलना चाहिए। नीला रंग के कारन कृष्ण कमल भी बोला जाता है। वैसे अलग -अलग समय कल में अलग कहानी भी नील कमल से जुड़ा हुआ है। बुद्ध धर्म वालों का कहना है भगवान बुद्ध  जब स्वर्ग सिधारे तो 108 नील कमल  उनके रास्ते में बिछ गया था। रामायण में कहा गया जब रामजी रावण से युद्ध करने जाने वाले थे तो दुर्गा जी को 100 नील कमल चढ़ाने का सोचे ,पर  उनको सिर्फ 99 कमल मिला तो वे अपने आँख को कमल रूप में चढ़ाये जिससे 100 कमल हो गया। तब से बिष्णु जी को कमल नयन भी बोला जाता है। 
    अब कहानी कुछ भी हो कमल तो कमल ही है। अभी तक हमारे पौंड में 4 -6 कमल ही खिलता था पर, इस बार तो कमल का बहार ही आ गया। रोज ही 15 -20 नील कमल खिल ही जाता है।नील कमल का खासियत भी तो है ,सूरज की पहली किरण पड़ने पर खिलना और सूरज अस्त होने पर बंद हो जाना। दिन भर रौनक बना रहता है। जब की कुमुदनी रात चंद्रमा के समय खिल कर सुबह बंद हो जाता है। जहाँ पौंडमें  फूल का बहार है, वहीं सैकड़ों रंग बिरंगी मछली भी दिन भर तैरती दिखती रहती है।