शुक्रवार, 26 जून 2015

ROHAN THE GREAT

SAT,27 JUN



                                                                                  ग्रेट आर्टिस्ट 




                       हमारे घर का सब से छोटा रोहन ग्रेट आर्टिस्ट है। जब तक गर्मियों की छुट्टी थी हमेशा कुछ न कुछ आर्ट वर्क ,क्राफ्ट वर्क, पेंटिंग। कभी गार्डन का कुछ काम बगैर करता रहता था। अब स्कूल खुल जाने पर पढ़ाई में बिजी हो गया है। अब नेक्स्ट छुट्टी हो तो फिर अपना हॉबी में ध्यान देगा। 




FRI, 26 JUNE




                                                              घर आये  मेहमान हमारे 

                     कभी -कभी मेहमान आना भी बड़ा अच्छा लगता है। कोई अपना नजदिकी हो और जिस के साथ कोई दिखावा भी नहीं हो तो क्या बात है। सोने मैं सुहागा। इलाहाबाद से मामा  परिवार से कुछ रिश्तेदार आयें थे उनके साथ २-3 दिन  रहना घुमना फिरना अच्छा लगा। wgc में tea पीते baison देखना ,राजेश के ऑफिस से मालाबार बड़ी गिलहरी देखना। घर मैं पूरा इंद्रधनुष देखना। ज्यादा टाईम नहीं था तो ज्यादा घुम नहीं पाये पर उनलोगों को कुन्नूर ,ऊटी बहुत अच्छा लगा बहुत ख़ुश हो कर वापस गये। 





सोमवार, 22 जून 2015

NOW SCHOOL TIME

TUE ,23 JUN


                                                                       स्कूल टाईम 

                        वैसे तो अब बच्चों का स्कूल करीब -करीब सब स्टेट मै खुल गया है।पर कुन्नूर मैं बहुत ज्यादा बरसात होने के कारण स्कूल खोल नहीं पा रहें हैं। घर से स्कूल जाने के रस्ते में जंगल और चाय बगान पड़ता है। जगह -जगह पुराना बड़ा -बड़ा पेड़ बरसात के कारण गिर गया ,जिस के कारण रोड ब्लॉक हो गया है। जगह -जगह पावर भी कट है। कलेक्टर के आर्डर से पूरा टीम 3 -4 दिनों से रोड से पेड़ हटाने में जुटे हैं। उम्मीद है कल से सब व्यवस्था ठीक हो जायेगा और बच्चें स्कूल जा पायेंगे। बिचारे बच्चें रोज सुबह जल्द ऊठ कर तैयार होते हैं और पता चलता है की आज भी रास्ता ठीक नहीं होपाया।


  

HAPPY FATHER'S DAY

MON ,JUN 22 

                                                      फादर्स   डे 






                                   कल  फादर्स डे था। बच्चों ने सोचा गिफ्ट और केक  कार्ड वगैरा तो हर साल बाबा और पापा को देते हैं। इस बार कुछ अलग किया जाये। आज कल राहुल को कुछ कुछ कूकिंग करने का मन होता है। कोई हेल्प नहीं करें बनाना और शर्भ करना दोनों खुद करने का ठाना। कुछ बना कर हम सबों को खिलाया। बाप बेटा तो वैसे हर संडे को गोल्फ खेलने जातें है और हमलोगों को वहीं लंच के लिये बुला लेते थे ,पर इस बार खूब मेहनत से खूब टेस्टी डिश बना कर सबों को खिलाया। 
                                                                          राजा बेटा प्यारा बेटा


                              

शुक्रवार, 19 जून 2015

SAT,JUN 20



                                                               बच्चों की इच्छा पूर्ण हुई 

                  बच्चो का बड़ा मन था पिक्चर की शूटिंग देखना ,कलाकार से मिलना। उनके साथ फोटो खिचवाना और उनसे अॉटोग्राफ लेना। तीन -चार बार कभी ताज कभी शूटिंग साईट जाने के बाद आखिर सब कलाकर से मिल पाये और ऑटोग्राफ तथा फोटो खिचवा पायें। बच्चों की खुशी देख कर बड़ा अच्छा लगा। बच्चें खुश तो हमलोग भी खुश। 



सोमवार, 15 जून 2015

FILM KEE SHOOTING

TUE,16 JUN


                                        कुन्नूर में पिक्चर की शूटिंग 

                    वैसे तो कुन्नूर का मौसम हमेशा सुहाना रहता है और जंगल पार्क तरह तरह के गार्डन, गार्डन में रंग बिरंगे फूल किसी भी मौसम में देखने मिल जाता है। इसलिए यहाँ पर पिक्चर की शूटिंग हमेशा होते रहता है। आजकल हमारे घर के पास एक बड़ा बंगला नुमा होटल है जहाँ 40 दिन के लिये फिल्म शूटिंग केलिए बुक है। रिषी कपूर ,अलिया भट्ट ,सिद्धार्थ लोंगो का पूरा टीम आया हुआ है। दिन भर शूटिंग होता है और रात को सब कलाकार ताज मै चले जाते हैं। ताज भी 40 दिनों के लिये कलाकारों के लिये बुक है। 
                 बच्चों को शूटिंग देखने और कलाकारों से मिलने का बड़ा मन होता है। पर कभी ताज और कभी शूटिंग के जगह जाते है पर नजदीक जाने नहीं हो पते हैं दूर से ही शूटिंग देख पाते हैं। बंगलो के गार्डन में छोटे बच्चे  का बर्थडे आज कितने दिनों से शूट हो रहा हैकुन्नूर के भी छोटे बच्चे इस में काम कर रहें हैं। 

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गुरुवार, 11 जून 2015

7 TH ANNIVERSARY

SAT ,13 JUN

                                         

                                                  प्यारे छोटे भाई की पुण्यतिथि पर श्रदांजली    

                       भाई तुम बहुत ही जल्दी दुनिया से चले गए। तुम्हारा जाना और माँ का बिस्तर पकड़ना। माँ तुम्हारा गम बर्दास्त नहीं कर पाई। तुम्हारे जाने के बाद कुछ न कुछ माँ को लगे रहता है। अब तो देखते देखते 6 -7 साल भी हो गया। इतने कम उम्र में बेटा का जाना कौन माँ बर्दास्त कर सकती है। अब तो माँ एकदम बिस्तर ही पकड़ली है खाना पीना भी करीब करीब छोड़ ही दी है ना के बराबर कुछ मुहँ में डालती है दिन भर चुपचाप सोये रहती है ना बोलना न चालना।
              मार्च अप्रैल में माँ से मिल कर आये तब भी थोड़ी ठीक ही थी पर अब तो एक दिन भी बात ही नहीं हो पाया। कल तुम्हारा पुण्यतिथि है बहुत याद आरहे हो।भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति दे ,और माँ को जीने का हिम्मत दे। माँ केलिए बहुत डर लग रहा है कभी भी कुछ भी हो सकता है ,पता नहीं माँ को कितना कस्ट सहना लिखा है।
                                                    NO V  -11 -1960
                                                   JUNE -13 -2008 




                                                                              विनम्र श्रद्धांजली     

मंगलवार, 9 जून 2015

WED,10 JUN



WED,10 JUN
WED,10 JUN

JUNGLE KE KAHANI

TUE,JUN 9

                                                                 जंगल की कहानी 

              बचपन में नानी दादी से सुने थे एक कहानी।उस समय कहानी समझ नहीं आरहा था ,कहानी तो अब पूरा याद भी नहीं है। कहानी का सार ये था कि एक बच्चा गर्मी की छुटी में अपने नानी के घर जंगल के रास्ते से जाता है ,रास्ते में एक भेड़िया मिलता है वह बालक से कहता है की रूको मुझे भूख लगी है मैं तुम्हें खाऊँगा। बालक बड़ा चलाक था ,वो भेड़िया से कहता है की अभी तो मै बहुत दुबला पतला हूँ अभी मुझे नानी के घर जाने दो ,मैं नानी के घेर से खूबसारा  दूध मलाई खा कर मोटा हो कर लौटूंगा तब मुझे खाना भेड़िया बालक के बात में आकर उसे छोड़ देता है। नानी के घर से वापसी वो दूसरे रास्ते से करता है। और बच जाता है
             तब लगता था नानी के घर तो ट्रेन में बैठो और पहुँच जाओ रास्ते में कहाँ जानवर मिलेगा ।इस बार कुन्नूर से बच्चे बैंगलोर मौसी के घर गये तो रास्ते में जंगल हो कर ही जाना पड़ता है तो रास्ता भर जानवर मिला वाट्सएप में मोर ,हाँथी ,हरीन और बाइसन का फोटो भेजते थे।तब अचानक बचपन का कहानी याद आगया। 



   

रविवार, 7 जून 2015

MON,8 JUN       

                                                            बाग का आम 

              अपने बाग का आम का बात ही क्या होता है ,आम आम न रहकर बहुत ही खास हो जाता है। इस बार मार्च से ही बहुत आँधी पानी हो रहा था ,आम के पेड़ में फूल फल तो बहुत हुआ पर करीब करीब सब झड़ गया लगा की इस बार तो अपने पेड़ का पका आम तो खाने नहीं मिल पायेगा। पर अन्दर छुपा आम फिर भी मिल ही गया। बहू ने बहुत सा आम कुन्नूर भिजवा दिया। कुन्नूर में रायपुर का आम खाने मिला मजा आगया। 

मंगलवार, 2 जून 2015

WED , JUN 3

                         आज कुछ खास करनेको नहीं है। बच्चों ने जंगल से कुछ हरीन का 
फोटो भेजा। अब कल तो बच्चे मौसी के घर से वापस आजायेंगे ,उनका इंतजार कर रहे हैं।