LEKNES,LOFTEN ISLAND
लेकनेस ,लॉफ्टन आइलैंड
मछुआरों का आइलैंड
हमलोग मछुआरों के छोटे से गाँव में पहुंचे। लेकनेस पोर्ट से लॉफ्टन सिटी बस से गए। करीब 3000 की आबादी वाला शहर था। मछुआरों की बस्ती 17 वीं शताब्दी से बसा है। उस ज़माने का चर्च,म्यूजियम भी है। मॉर्डन बाजार रोड पोर्ट सब साफ सुन्दर। यहाँ आकर 2-3 मजेदार बात पता चला। अभी तक तो बस यही जानते थे की यहाँ गर्मियों में रात नहीं होता है लोग मिडनाईट सन देखने आते है। और ठण्ड में दिन ही नही होता है और लोग नॉर्दन लाईट देखने आते है।
बच्चपन से कॉड लीवर ऑइल दवाई सुनते थे. मछली के तेल से बनता है। यहाँ आकर पता चला की यहाँ के मौसम के कारण कॉड मछली हर साल समुन्द्र में अंडे देने आती है और मछुआरे लोग मछली पालन करते है। इन मछलियों को खास तरीके से साफ कर सूखा कर ,और इसके लीवर से तेल निकालते है। सुखी मछली और तेल यहीं से पूरी दुनिया में जाता है। यहाँ आने के पहले पता नहीं था की हमलोग कॉड फिश के देश में जा रहे है और कॉड फिश देखेंगे।
यहाँ के लोग भेड़ भी पालते है। उसके वारे में भी मजेदार बात पता चला। भेड़ को बांधा नहीं जाता है ,खुले में चरती रहती है। अब जब 6 महीना सूरज डूबता ही नहीं और रात ही नहीं होता है तो ये भेड़ रात और दिन बस वनस्पति खाती और चरती रहती है, और बच्चे देती है।खा खा कर खूब मोटी ताजी हो जाती है। इसलिए इनका वजन भी ज्यादा होता है और मीट भी बहुत टेस्टी होजाता है, तो बहुत महंगा बेचा जाता है मछली के अलावा भेड़ भी इनका आमदनी का जरिया है और फेमस भी है।
यहाँ समर में रात नहीं होता है इसलिए गोल्फ गेम भी रात भर खेला जाता है ,स्पेशल इसका आयोजन किया जाता है। लॉफ्टन चारो तरफ पहाड़ से तो घिरा है ही साथ ही छोटे -छोटे मकान से भी सुसज्जित है। मकान भी सिर्फ तीन ही रंग में दिखेगा। लाल रंग का माकन मछुआरों का ,पीला रंग का मकान आम जनता का ,सफ़ेद रंग का मकान पैसे वालों का ,पर सभी छोटा सिम्पल एक जैसा।
2 -3 घंटा घूम कर वापस अपने क्रूज में आगये ,आगे के सफर के लिये।
लेकनेस ,लॉफ्टन आइलैंड
मछुआरों का आइलैंड
हमलोग मछुआरों के छोटे से गाँव में पहुंचे। लेकनेस पोर्ट से लॉफ्टन सिटी बस से गए। करीब 3000 की आबादी वाला शहर था। मछुआरों की बस्ती 17 वीं शताब्दी से बसा है। उस ज़माने का चर्च,म्यूजियम भी है। मॉर्डन बाजार रोड पोर्ट सब साफ सुन्दर। यहाँ आकर 2-3 मजेदार बात पता चला। अभी तक तो बस यही जानते थे की यहाँ गर्मियों में रात नहीं होता है लोग मिडनाईट सन देखने आते है। और ठण्ड में दिन ही नही होता है और लोग नॉर्दन लाईट देखने आते है।
बच्चपन से कॉड लीवर ऑइल दवाई सुनते थे. मछली के तेल से बनता है। यहाँ आकर पता चला की यहाँ के मौसम के कारण कॉड मछली हर साल समुन्द्र में अंडे देने आती है और मछुआरे लोग मछली पालन करते है। इन मछलियों को खास तरीके से साफ कर सूखा कर ,और इसके लीवर से तेल निकालते है। सुखी मछली और तेल यहीं से पूरी दुनिया में जाता है। यहाँ आने के पहले पता नहीं था की हमलोग कॉड फिश के देश में जा रहे है और कॉड फिश देखेंगे।
यहाँ के लोग भेड़ भी पालते है। उसके वारे में भी मजेदार बात पता चला। भेड़ को बांधा नहीं जाता है ,खुले में चरती रहती है। अब जब 6 महीना सूरज डूबता ही नहीं और रात ही नहीं होता है तो ये भेड़ रात और दिन बस वनस्पति खाती और चरती रहती है, और बच्चे देती है।खा खा कर खूब मोटी ताजी हो जाती है। इसलिए इनका वजन भी ज्यादा होता है और मीट भी बहुत टेस्टी होजाता है, तो बहुत महंगा बेचा जाता है मछली के अलावा भेड़ भी इनका आमदनी का जरिया है और फेमस भी है।
यहाँ समर में रात नहीं होता है इसलिए गोल्फ गेम भी रात भर खेला जाता है ,स्पेशल इसका आयोजन किया जाता है। लॉफ्टन चारो तरफ पहाड़ से तो घिरा है ही साथ ही छोटे -छोटे मकान से भी सुसज्जित है। मकान भी सिर्फ तीन ही रंग में दिखेगा। लाल रंग का माकन मछुआरों का ,पीला रंग का मकान आम जनता का ,सफ़ेद रंग का मकान पैसे वालों का ,पर सभी छोटा सिम्पल एक जैसा।
2 -3 घंटा घूम कर वापस अपने क्रूज में आगये ,आगे के सफर के लिये।
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