शनिवार, 28 सितंबर 2019

DAKSHIN BHARAT KA GOLUPUJA

             दक्षिण भारत का गोलुपूजा (गुड़िया पूजा )

  नवरात्री ऐसा पर्व है की पुरे भारत में देवी माँ का पूजा खूब धूम -धाम से मनाया जाता है। भले नाम और रूप अलग हो पर देवी का ही पूजा करते है। जैसे बंगाल में दुर्गा पूजा का धूम रहता है ,तो गुजरात में गरवा और दूसरे जगहों में नौ दिन चलने वाला नवरात्री का पर्व। वैसे ही दक्षिण भारत में गोलुपूजा (गुड़िया पूजा )करते है।
   नवरात्री में दक्षिण भारत के लोग अपने घरों में लकड़ी के प्लेटफॉर्म में लकड़ी की गुड़िया सजा कर नौ दिनों तक पूजा करते है। लकड़ी का प्लेटफॉर्म भी खास होता है ,जो की 3 -5 -7 ऑड नंबर में होता है। सबसे ऊपर की पंक्ति में कलश रखा जाता है। फिर उसके बाद महाभारत ,रामायण या कोई हिन्दू धार्मिक कहानी के थीम में उसके पद के क्रम में उस पात्र को सजाया जाता है। इन्ही गुड़ियों को गोलू बोला जाता है। हर साल नौव दिनों तक नवरात्र में पूजा करने के बाद इन गोलुओं को संभाल कर अगले साल के लिये रखा जाता है।हर दिन अलग -अलग अनाज को उबाल कर स्पेशल प्रसाद (संदल)बनाया जाता है,और पड़ोसियों ,मित्रो को बुलाया जाता है । सब एक दूसरे के घर दर्शन करने जाते है।
    हमलोगो का बचपन टेल्को कॉलोनी में बीता था ,वहाँ हमारे बहुत सारे दक्षिण भारतीय पड़ोसी और मित्र भी थे। हमलोगो को गुड़िया पूजा देखने और स्पेशल प्रसाद (संदल)भी खाने का सौभाग्य मिला। दुर्गापूजा के समय गोलुपूजा का भी इंतजार रहता था।





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