रविवार, 8 सितंबर 2019

RAMESWARAM

                    रामेश्वरम  ( दूसरा धाम  )

       हमारे पूर्वजों ने पुरे भारत को जोड़ने के लिये उस ज़माने से ही ये नियम बनाया हुआ है की गंगोत्री से गंगा जल लेकर केदारनाथ के ज्योतिर्लींग में जल चढ़ाना और फिर गंगोत्री का गंगा जल दक्छिन के ज्योतिर्लींग रामेश्वर में चढ़ाना।
  उत्तर के बाद दक्छिन में रामेश्वरम धाम में गंगाजल से ज्योतिर्लींग का पूजा अर्चना करते है। भगवान राम द्वारा श्रीलंका जाने के पूर्व यहाँ ज्योतिर्लींग की स्थापना कर पूजा किये थे। नल -नील द्वारा बड़े-बड़े मूंगा पत्थर को सागर में डाल कर सेतु बनाये थे। रामेश्वरम जाने पर सागर ,रामसेतु भी देखना हो जाता है और दूसरा धाम के साथ ज्योतिर्लींग का दर्शन भी हो जाता है। यहाँ आने पर रामेश्वर के अलावा साऊथ के तीर्थ स्थल मदुरई और कन्याकुमारी वगैरा का भी दर्शन हो जाता है।




  

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