बुधवार, 4 सितंबर 2019

TEACHERS DAY

                              टीचर्स दिवस

      गुरु शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम् और पवित्र हिस्सा है। जीवन में सबसे पहले माता -पिता ही हमारे गुरु है। लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिछक ही सीखाते है। हमें सही मार्ग में चलने के लिये प्रेरित करते है।
  पुरे दुनिया में अलग -अलग दिन अलग तरीके से ये दिवस मनाया जाता है। UNESCO ने 5 ऑक्टूबर 1994 को इंटरनेशनल टीचर्स दिवस मनाने का ऐलान  किया। भारत में 1962 से प्रति वर्ष  हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन के जन्म दिवस के अवसर पर उनके सम्मान में 5 सितम्बर को टीचर्स दिवस मनाया जाता है। राधाकृष्णनन एक महान दार्शानिक और शिछक थे ,उन्हें अध्यापन में गहरी रुचि थी। इस दिन देश के सभी श्रेष्ठ शिक्छकों को पुरुस्कार दे कर उनका सम्मान किया जाता है।
  इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होता है। स्कूलों में बच्चे और टीचर्स दोनों मिलकर सांस्कृतिक गतिविधीयों में भाग लेते है। हर स्कूलों में रंगा -रंग प्रोग्राम होता है। वैसे हमारे देश की बहुत ही प्राचीन परंपरा में से एक गुरुपूर्णिमा भी है ,जिसमे अपने गुरु का सम्मान किया जाता है।


 

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