रविवार, 10 सितंबर 2017

THE STORY OF LETTER BOX

                                                                                                                                 PART -3

                                                            लेटर बॉक्स की कहानी 
                                                                      पत्र मंजुषा 

                              विश्व में सब से पहले ब्रिटेन में डाक टिकट जारी हुआ ,पर पहला लेटर बॉक्स फ्रांस के पेरिस शहर के मुख्य पोस्ट ऑफिस के बाहर सन 1850 में लेटर बॉक्स लगा। लेटर बॉक्स लगने के पहले अपनी चिट्ठियों को डाकघर ले जाकर डाक कर्मियों को देना पड़ता था। टिकट लगा कर चिट्ठियों को भेजना एक सस्ता साधन होने के कारण बहुत बड़ी संख्या में लोग पोस्ट ऑफिस आने लगे। इससे पोस्ट कर्मियों को दूसरे कार्य करने में बाधा  होने लगी। लोगों को भी असुविधा होती थी क्योंकि सिर्फ पोस्ट ऑफिस खुले रहने के समय ही चिट्ठी भेजी जा सकती थी। इन सभी असुविधाओं को दूर करने के लिये लेटर बॉक्स लगाए गए।
                     इसे पोस्ट ऑफिस के ठीक बाहर और फिर धीरे -धीरे शहर के दूसरे भागों में भी लगाए गए जिससे कोई भी अपनी सुविधानुसार अपनी चिट्टी भेज सके और पोस्ट ऑफिस में भी भीड़ न हो। पहला लेटर बॉक्स गुम्बजनुमा खम्बे से मिलते जुलते आकर का था इसलिए फ्रांस के लोग लेटर बॉक्स को पिलर (खम्बा )बॉक्स कहने लगे। है ना यह भी एक रोचक बात।
              सन 1855 में ग्रेट ब्रिटेन में भी इसी प्रकार के लेटर बॉक्स लगाए गये जिसे वहाँ के लोग  विक्टोरिया बॉक्स कहने लगे ब्रिटेन में लेटर बॉक्स लगाने के बाद धीरे -धीरे सभी देशों में लगाये गये। भारत में 1856 में लगे। सन 1879 में लाल रंग के स्तूपाकार लेटर बॉक्स को विश्व के सभी देशों में मान्यता मिली।
      पिछले 150 सालों में कई बार डिजाईन में परिवर्तन हुआ। बड़े शहरों में चार रंग के लेटर बॉक्स लगाए जाते हैं। हरा उसी शहर के लिए ,नीला महानगरों के लिये ,पीला राजधानी के लिये ,लाल लेटर बॉक्स दूसरी जगहों को भेजी जाने वाली चिट्ठी के लिये। अपने 150 वर्ष होने पर 18 -१०-2005 को भारतीय डाक विभाग ने चार स्मारिका डाक टिकट का सेट जारी किया।ये तो लेटर बॉक्स की कहानी हुई ,अभी बाबा का  खजाना में बहुत कुछ है।
                                                                                                                                       क्रमशः







  

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