सोमवार, 11 सितंबर 2017

STAMPS AS STORY TELLERS

                                                                                                                                PART -4
                                         कहानियाँ सुनाने वाली डाक टिकटें

          भारतीय डाक विभाग के सौजन्य से ऐसे टिकटों के चार सेट (8 टिकट )तारिख 17 -10 -2001 को जारी किया गया जिनमें पंचतंत्र की कहानियों के चित्र हैं जिन्हे देखते ही कहानी समझ जायेंगे।ये कहानियाँ बच्चपन में पढ़ी और सुनी हुई है और शिक्छाप्रद भी, एक पंत दो काज।
ये कहानियां है :-
1 -चार रुपये वाले 2 टिकटों पर दो  हंस और कछुए की कहानी चित्रित है, जो मित्र थे।
       वे  मित्र दूसरे तालाब के पास रहने का मन बनाये। एक छोटे डंडे के दोनों छोरों को दोनों हंसो ने चोंच से पकड़ा और कछुआ बीच में मुहँ से पकड़ा हंस उड़े और डंडा और कछुआ भी उनके साथ उड़ने लगे।लोग ये देख कर शोर करने लगे। गुस्से से कछुआ भी चिल्लाया। बस उसका मुहँ खुलते ही वह नीचे गिरा और मर गया। शिक्छा -अधिक गुस्सा ठीक नहीं।
2 -चार रुपये वाले 2 टिकटों पर मगर और बंदर की कहानी चित्रित है।
     एक दिन मगर ने मित्र बंदर को अपनी पीठ पर बैठा कर अपने घर दावत पर ले जाने लगा पर बीच नदी में पहुँचते ही वह डुबकी लगाया और बंदर डूबने लगा। पूछने पर मगर ने कहा कि उसका दिल अपनी पत्नी को खिलाने के लिये उसे मारेगा। बंदर चालाक था ,वह बोला की दिल तो पेड़ पर ही छोड़ आया है। यह सुनते ही मगर उसे वापस पेड़ के पास  ले गया। बस क्या था बंदर झटपट पेड़ पर चढ़ कर बोला कि दिल कहीं पेड़ पर रखने की चीज है।
शिक्छा - दुश्मन से हमेशा सावधान रहें।
3 -चार रूपये वाले 2 टिकटों पर शेर और खरगोश की कहानी चित्रित है।
          खरगोश ने अपनी जान बचने के लिये शेर से झूठ बोला कि कुएँ के पास वाला शेर मुझे खाना चाहता है। गुस्से में शेर अपनी परछाईं कुएँ के पानी में देख ,उसे दूसरा शेर समझ उससे लड़ने कुएँ में कूद पड़ा, और डूब कर मर गया, खरगोश की जान बची.
शिक्छा - ताकत से बुद्धि बड़ी। ।
4 -चार रूपये वाले 2 टिकटों पर सांप और कौए की कहानी चित्रित है।
  नदी किनारे के पेड़ पर बहुत कौएं रह्ते थे और नीचे बिल में सांप ,जो उनके अंडे बच्चे खा जाया करता था। वहाँ की राजकुमारी रोज नदी में नहाते समय अपने गहने नदी किनारे रख देती थी। एक दिन कौएं ने बदला लेने के लिये एक हार अपने चोंचमें  उठा करउड़ा और सांप के बिल में गिरा कर उड़ गया। सिपाही बिल को खोदने लगे। सांप और बच्चे बिल से बहार निकलते ही मार दिए गए। राजकुमारी का हर सिपाही ले गए। कौओं को सांप से छुटकारा मिला।
शिक्छा - जैसे को तैसा। 
                                                                                                                          क्रमशः








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