काँटों की खूबसूरत दुनिया
जीना जानता है कैक्टस
जीना जानता है कैक्टस
काँटों भरे ये पौधे अधभुत ज्यामितीय आकर के होते हैं और कुछ में तो सुन्दर फूल भी खिलते है। इन पौधों को फलने -फूलने के लिये कम जगह ,कम पानी और कम देखभाल की जरुरत होती है।कांटे भरे कैक्टस के पौधों को ईश्वर ने गजब की खूबसूरती दी है। इन्हे लगाना भी बहुत आसान है। कैक्टस के पौधों की आयु 200 वर्ष भी होती है।
गर्म और रेतीली जमीन की कुछ जातियों के कैक्टस पानी को अपनी पत्तियों या तनो में संचित कर लेते है ,जिससे तेज गर्मी में भी वे जीवित रह सकते है। पत्तियों में पानी संचित करने वाले ये पौधे सुकुलेंट कहलाते है,और तने में पानी संचित करने वाले कैक्टस। इनके कांटे ही पत्तियों का काम करते हैं।
अनेक प्रकार के कैक्टस औषधी बनाने के काम आते हैं। कुछ देशों में इसके तने के गूदे व फलों को खाया भी जाता है। उम्रदराज ये पौधा बागवान की मदद के बिना भी फल -फूल सकते हैं।
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