बुधवार, 12 जुलाई 2017

ROSE

                                                                     ROSE
                                                          फूलों का राजा गुलाब

                            किसी ने ठीक ही कहा है गुलाब तो गुलाब है इसका मुकाबला नहीं। गुलाब के फूल को सौंदर्य ,स्नेह तथा प्रसन्नता का प्रतीक माना  जाता है। इसे देखते ही मन प्रसन्न हो जाता है ,मन में स्नेह और सदभावना की अनुभूति होने लगती है।विश्व के सभी देशों में प्राचीनकाल से सैकड़ों गीतों, कविताओं ,कहानियों में गुलाब का वर्णन होते आ रहा है।
                    पूजा ,अर्चना ,माला ,सजावट ,स्वागत ,गुलदस्ता सभी में गुलाब होता ही है। इसके आलावा इत्र ,एसेंस ,गुलाबजल ,गुलकंद सभी गुलाब के पंखुड़ियों से बनता है। संसार के करीब सभी देशों में गुलाब होता है। बस सुबह का धुप भरपूर मिलना चाहिए और पानी कम ही डालना पड़ता है।
               पहले सिर्फ देशी गुलाब ही होता था। पर अब बहुत किस्म का हाईब्रीड गुलाब का खेती भी होता है और घर तथा उद्यान में रोज गार्डन लगाते  है।अलग -अलग नाम ,आकर -प्रकार  ,रंग ,खुश्बू में गुलाब का पौधा पाया जाता है।
   1 -हाईब्रीड टी गुलाब --इसके पौधे ऊँचा झाड़ीनुमा होता है और इसके फूल आकर में बड़े होते है।
  2 -पोलियनथा मीनयेचेर -इसके पौधे छोटे ,फूल भी छोटे -छोटे और गुच्छों में होते है।
   3 -फ़्लोरीबन्डा -इनके पौधे मीडियम आकर के होते है पर फूल बड़े और गुच्छों में होते हैं।
  4 -लता गुलाब -जैसा नाम बेल वाला गुलाब साल भर गुच्छों में छोटा पर सुगंधित हल्का गुलाबी और सफ़ेद रंग का होता है।
  ५ -जंगली गुलाब -ठन्डे जगह के  जंगलों में प्रकृति रूप में  पाया जाता है। ये पेड़ के आकार में होता है और इसकी लकड़ी से हल्की सुगंध रोज जैसा निकलता है इसलिए इसे रोज़वुड बोला  जाता है। इसके फूल छोटे लाल ,गुलाबी और सफ़ेद होते है।
        वैसे गुलाब  का फूल जैसे नाजुक है वैसे पौधा भी बहुत नाजुक होता है और सेवा बहुत करना पड़ता है। टाईम से खाद ,दवाई , कटाई -छटाई बहुत ही जरूरी है नहीं तो फूल ज्यादा और अच्छा नहीं होता है।  राजस्थान के पुष्कर में इसकी खेती देख कर मन प्रसन्न हो गया चारो तरफ गुलाबी गुलाब पता चला यहाँ इसका गुलकंद बनाते है और बहार भेजा जाता है। बड़ा अच्छा लगा की अरे वाह रेगिस्तान की गर्मी भी सह सकता है नहीं तो ठण्ड में गुलाब होता है यही समझते थे। रायपुर की गर्मी में उतना अच्छा नहीं हो पाता है। नवम्बर से मार्च तक रायपुर में गुलाब का बहार रहता है। जगह -जगह फ्लावर शो में बहुत वेरायटी का गुलाब देखने मिल ही जाता है।













कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें