सोमवार, 24 जुलाई 2017

SAFARI AT BANDIPUR NATIONAL PARK

                        SAFARI AT BANDIPUR NATIONAL PARK

                                बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान

              हमारा राहुल बेटा वाईल्ड  लाईफ   फोटोग्राफी में एक्सपर्ट है  . जब भी मौका मिला जंगल घूमना और जानवरों का फोटो लेना उसके हॉबी में से एक है। बस क्या था वह बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान जा रहा था हमलोग भी साथ हो लिये। ऊंटी से मैसूर जाने के मार्ग में NH 67 में ही बांदीपुर रिजर्व फॉरेस्ट पड़ता है। एक समय में मैसूर राज्य के महाराजा का शिकारगाह हुआ करता था। 1973 में टाईगर रिजर्व घोषित  किया गया। वैसे तो कर्नाटक में है पर 874 वर्ग किलोमीटर के छेत्र में फैला हुआ है। कर्नाटक के नागरहोल ,तमिलनाडु के मधुमलाई और केरल के वयनाड मील कर पूरा अभ्यारण होता है। सब मिलाकर नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व फॉरेस्ट का हिस्सा बांदीपुर है।
            बांदीपुर में बहुत सारा रिजॉर्ट ,होटल ,रेस्टुरेंट है, रात भी रुक सकते हैं। कर्नाटक टूरिजम के तरफ से   सुबह शाम ट्रैकिंग तथा बस से जंगल के अंदर घुमाने ले जाते हैं। 300 रुपया  एक जन का लगता है। घने जंगल के अंदर बहुत जानवर तो दिखता ही है। पर यदि NH 67 से गुजरने पर ऊंटी घाट के बाद से ही बांदीपुर तक सभी जानवर रोड के दोनों और जंगल झाड़ी में दिखता है। मोर ,गौर ,हाँथी चीतल ,हिरण ,तरह -तरह का जीव जंतु ,चिड़ियाँ वगैरा। इसलिए रात को 8 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहन का प्रवेश बर्जित है. जिससे कोई दुर्घटना न हो ना तो मनुष्य या ना  तो कोई  जानवर ही शिकार हो जाये।
       सुबह 9 बजे कुन्नूर से चल कर 12 बजे बांदीपुर पहुँच गये। 12 से 3 रिजॉर्ट में घूमे खाये पीये। फिर जंगल सफारी किये और 5 बजे चल कर रात 8 बजे वापस घर आ गये।जंगल घूमना का घूमना भी होगया जानवर भी देखलिए राहुल का फोटोग्राफी भी होगया और संडे का सदुपयोग भी हो गया।













 











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