DAHLIA
                                                     डेहलिया एक मनमोहक फूल 
          यह भी एक अति सुन्दर फूल है जो की केवल ठण्ड के मौसम में खिलता है। इसकी पंखुड़ियों के रंग और बनावट के कारण इसकी  सुन्दरता आकर्षक होती है। अनेक पंखुड़ियाँ अनेक परतों में होती है। इसके फूल 2 इंच से एक फिट घेरे तक के होते हैं। इसके जड़ में आलू जैसे कंद होते हैं ,फूल हो जाने के बाद कंद को साल भर संभाल कर रखने पर बरसात में क्यारियों में लगाना पड़ता है। तब जाकर फिर से ठण्ड के मौसम में फूलो का बहार आ जाता है। 
             इसका मूल स्थान अमेरिका है ,वहीं से योरोप होते हुए सारी दुनिया में फैला है। स्वीडन के वनस्पति वैज्ञानिक डाहल  के नाम पर इसका नाम डहेलिया पड़ा। वैसे तो भारत में ठण्ड के मौसम में बहुत फूल खिलता है। पर कुन्नूर में तो जहाँ और जब भी नजर दौड़ाओ डहेलिया का छोटा ,बड़ा ,रंग -बिरंगा फूल नजर आता है। इसकी खासीयत भी है की एक बार खिला तो बस फूल महीनों खिला रहता  है तो क्यारी का खूबसूरती भी हमेशा बना रहता है। 






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