SAPTA PURI
सप्तपुरी
भारत का सात प्रमुख स्थल ,जहाँ अलग -अलग काल और समय में भगवान ने अवतार लिया था। वह सप्तपुरी कहलाता है। सातो भारत के प्रमुख नदियों किनारे बसा है और आध्यत्म का केंद्र भी है।
हरिद्वार ,मथुरा ,अयोध्या ,वाराणसी ,उज्जैन ,द्वारका और काँचीपुरम।
1 . हरिद्वार -उत्तराखंड में गंगा किनारे बसा हरिद्वार भगवान का द्वार(विष्णु- हरि ,शिव- हरि ) माना जाता है।
2 . मथुरा -जमुना किनारे भगवान कृष्णा की जन्मस्थली। बचपन यहीं लीला करते बिताये।
3 . अयोध्या -सरयू किनारे भगवान राम का जन्म भूमि।
4 . वाराणसी -गंगा किनारे शिव की नगरी .वर्ना और अस्सी घाट मिलकर वाराणसी बना। यहाँ बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर के अलावा मनीकरणीका घाट ,दशास्वमेद्य घाट ,प्रशिद्ध बनारस यूनिवर्सीटी भी है। यहाँ अंतिम संस्कार होने पर मुक्ति मिलता है।
5 . उज्जैन -शिप्रा तट पर राजा विक्रमादित्य और अशोक के समय का प्राचीन नगर है। यहाँ संदीपनी जी का आश्रम है जहाँ कृष्ण और सुदामा ने शिक्छा ग्रहण किया था। दोनों की मित्रता जग चर्चित है। उज्जैन को विश्व का सेण्टर (धुरी )भी माना जाता है कर्क रेखा यहाँ से गुजरती है। उसी ज़माने से अध्यात्म और ज्योतिष विज्ञान का केंद्र था और जंतर मंतर बना है विश्व से बिद्यार्थी पठन पाठन के लिये आते थे।
6 . द्वारका -अरब सागर और गोमती के तट प रद्वारका बसा है।कृष्ण की नगरी थी महाभारत कल के सैकड़ों साल बादकृष्ण जी यहीं से स्वर्गारोहण किये थे.
7 . काँचीपुरम -दखीन में कामाक्षी अम्मा मंदिर है 5 एकड़ में बना हुआ है देवी शिव लींग बना कर पूजा करती थी। यहाँ विवाह करने लोग आते हैं। मनोकामना पूर्ण होता है। कामाक्षी अम्मा के नाम पर कांचीपुरम पड़ा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें