MON,6 JUN
VANCOUVER TO SEATTLE BY CRUISE
अलास्का ग्लेशियर की सैर
5Th MAY TO 15TH MAY
वैंकोवर से10 दिनों का हमारा क्रूज का सफर शुरू हुआ।क्रूज क्या जलमहल बोलना ज्यादा ऊचित होगा। समुन्द्र में सैर करते हुए पाँच सितारा सुबिधा उपलब्ध। 5 मई को जो चला जहाज 6 नहीं सीधे 7 को अलास्का की राजधानी जुनीउ पहुँचा। क्रुज में घुमते रहो ,खाओ -पियो ,कैसिनो का मजा लो ,खरीदी करो ,नाच -गाना का मजा लो ,डांस -ड्रामा देखो। खेल -कूद हर तरह का इन्तजाम बस जिसे जो करना करो समय का पता ही नहीं चलेगा। इसीलिए जल महल बोलना ऊचित है।
इस बार क्रूज में आधे से भी अधिक हिन्दुस्तानी स्टाफ थे। सबों से मिलकर अच्छा लगा। वे लोग भी घुल -मिल जाते थे। चाहे बड़े पोस्ट में हों या छोटे कर्मचारी कोई भेद -भाव ,जाति -धर्म का बात ही नहीं ,बस सब भारतीय। एक 20 साल का पृथ्वी नाम का विशाखा पटनम का लड़का मिला जो पहली वार नौकरी में आया था ,उसे घर की बहुत याद आती थी। वह मुझे माँ बना लिया और मेरा ख्याल रखता था और मिल कर खुश होजाता था। एक नागपुर का 25 साल का लड़का मिला वह रायपुर में रह चुका था वह बहुत खुश हो गया बोला अपने देश से इतने दूर आपलोंगों से मिल कर ऐसा लगरहा है जैसे मेरे परिवार का कोई है।
वैसे क्रूज में तो हर देश का भोजन मिलता है ,जो चाहो खाओ चाहे जापानी हो या मेक्सिकन ,चीनी हो या कॉन्टीनेंटल। पर इस बार हमारा भारतीय भोजन भी था। हमलोग तो मजा लेते ही थे पर क्या देखते है। अमेरिकन लोग भी बहुत चाव से शुद्ध शाकाहारी व्यंजन का लुफ्त उठाते थे। ।
क्रमशः
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