SUN,30 AUG
राखी का त्यौहार
इस बार राखी मेरे लिये कुछ खास था। पहले तो सोचे कहाँ कुन्नूर से आगये किशोर है नहीं कुणाल भी पता नहीं अपायेगा या नहीं ,पर अच्छा हुआ आगये।कुणाल बुखार में भी राखी बँधवाने नारायणपुर से आया। अपना पहला तनखा से मेरे लिये साड़ी लेकर आया ,इतना अच्छा लगा। गिफ्ट और साड़ी तो मिलते रहता है ,कभी बहु -बेटा ,कभी नाते -रिश्तेदार पर कुणाल का पहला गिफ्ट मेरे लिये बहुत ही खाश है।
इस बार राखी में राघव को भी राखी बंधने का अवसर मिला राहुल का कमी पूरा हो गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें