FRI,28 AUG
मेरे भईया
मेरा प्यारा छोटा भाई ,आज बहुत -बहुत याद आरहे हो। जब से रायपुर आएं हैं करीब -करीब हर साल राखी धूम -धाम से ही मनाये हैं। अब 5 -6 साल से तुम नहीं हो और हम भी राखी में कुन्नूर में रहते हैं ,राहुल और राजेश को राखी बान्ध कर संतोष कर लेते थे.
वैसे तो हमारे बचपन में टाटा में राखी बांधने का रिवाज ही नहीं था। बस पंडित आता था ,बाबा ,दादा काका लोंगो को राखी बांध कर आशीर्वाद देकर चले जाता था। पंजाबी लोग राखी बांधते थे हमलोगों को स्कूल में छुट्टी भी नहीं होता था। फिर मूवी और रेडिओ से गाना सुन कर राखी का चलन होगया।
हमारे घर हमारी छोटी बहन ज्योति राखी का त्यौहार मनाना शुरु की हमलोग भी खुश होगये और राखी बंधना शुरू हो गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें