THU,6 AUG मेरा जन्म दिन का गिफ्ट
जन्म दिन में हर साल की तरह केक भी काटे, फूल भी मिला, पार्टी भी परिवार के साथ मनाये। पर सबसे मजा तब आया जब मेरी बचपन की सहेलीका फ़ोन नम्बर हमको पता चला और उससे हम बात किये। 1 9 77 के बाद अब जाकर 20 15 में हमलोग फिर से जुड़ पाये। ये सब फेसबुक के कारण हो पाया। उस ज़माने में फ़ोन का साधन नहीं होने के कारण हमलोग का कांटैक्ट ही नहीं हो पाया। हमलोग स्कूल -कॉलेज साथ पढ़े और शादी के बाद हम रायपुर और हमारी सहेली चंडीगढ़ चलीगई। 2 -4 साल तो पत्र व्यवहार भी हुआ। हम चंडीगढ़ भी उससे मिलने गए। फिर धीरे -धीरे पत्र कम होने लगा। हमलोग अपने -अपने घर परिवार में व्यस्त रहने लगे।
जन्म दिन के दिन ही फोन नम्बर पाकर हम बहुत खुश हुए मेरे लिये सबसे बढ़िया गिफ्ट था इससे अच्छा और क्या हो सकता है। मेरी सहेली का भतीजा का बहुत -बहुत शुक्रिया हम दोनों सहेली को मिलने का।
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