FRI,16 OCT
स्कॅन्डिनेवियन देश
उत्तरीय यरोप
सन 2010 में मुझे उत्तरीय यरोप स्कॅन्डिनेवियन देश घुमने का मौका मिला। डेनमार्क ,,स्वीडन ,फिनलैंड वगैरा घूमे।
1 -डेनमार्क -डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन से हमारा सफर शुरू हुआ.यहाँ वर्ल्ड का पहला टिवोली एम्यूजमेंट पार्क ।जो की शहर के बीचो बीच में है देखने का मौका मिला। सन 1843 में में बना बहुत ही बड़ा और सुन्दर है। ,गार्डन ,बाग बगीचा ,रेस्टुरेन्ट ,झूला खेल तमाशा ,डांस ,ड्रामा सब गार्डन के अंदर है।
डेन्मार्क में लिटिल मरमेड (जलपरी )समुन्दर के किनारे 1 . 25 मीटर लम्बा और 1 . 75किलो ग्राम वजन का बहुत ही सुन्दर मूर्ति बना है जिसे देखने साल भर टुरिस्ट आते रहते है।
डेन्मार्क में ही लन्दन के तर्ज में यहाँ के रौशन बर्ग कैसल में दिन के 12 बजे चेंजिंग गार्ड परेड भी देखने मिला। २ -स्वीडन -स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम -भी बड़ा प्यारा देश है। यहाँ नोबेल प्राइज हॉल जो की सन 1901 में बना 10 दिसम्बर में पहली बार प्राईज दियागया था। बहुत ही बड़ा और सुन्दर व्यवस्था देखते ही बनता था।
३ -फिनलैंड -हेलसिंकी यह भी बहुत ही प्यारा देश था। यहाँ भारतीय भी बहुत रहते है। लोकल लोग बहुत ही हेल्पिंग नेचर के थे ,यहाँ क्राईम भी न के बराबर है ,लोग बहुत ही ईमानदार है।
वैसे तो डेन्मार्क हो स्वीडन हो या फिनलैंड सभी जगह बाग ,बगीचा ,म्यूजियम हो या सभी टूरिस्ट जगह की तरह बहुत कुछ देखने मिला पर इन देशो में लोग वाइट नाईट का मजा लेने आते है। गर्मियों में रात ही नहीं होता है चारो तरफ उजाला ही उजाला। आधी रात को देखो तो भी अँधेरा का नाम ही नहीं। वास्तव में बहुत ही अछा लगा।
रामायण में कुम्भकर्ण की कहानी तो सभी जानते ही है की वह 6 महीना सोता था और 6 महीना जगता था। स्केंडियन कंट्री के वाइट नाईट देख कर बरबस कुम्भकर्ण और रामायण याद गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें