मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

POLAND TOUR

TUE,20 OCT
                                                                         पोलैंड की सैर 
                    2011 में डेन्मार्क से हमारा सफर बस से रूस होते हुये पोलैंड पहुँच गया। कितना नदी, समुन्दर ,जंगल, पहाड़,गॉवों ,देश होते हुये आखिर पोलैंड की राजधानी वारसा पहुँच गये। अब वारसा से एक हफ्ता ट्रेन से पोलैंड का 4 -5 सिटी घुमना था। यहाँ भी वर्ल्ड वार1 -1918 और वर्ल्ड वॉर 2 -1939  में बहुत कुछ तबाह हो गया था जिसे फिर से बनाया गया।पहले से ज्यादा सुन्दर ,बड़ा अछा। रेलवे स्टेशन तो ऐसा जैसे कोई मॉल हो लगेगा ही नहीं स्टेशन है। बड़ेसे बड़ा मॉल इसके  सामने कुछ भी नहीं। 
  यहाँ के लोग बहुत ही सीधे और सज्जन तथा हेल्पिंग नेचर के हैं भाषा का थोड़ा प्रॉब्लम है पर नई पीढ़ी अब अंग्रेजी पढ़ना लिखना कर रही है। हमें एक हफ्ता पोलैंड में घूमना था इस लिये हमलोग एक दुकान में पोलैंड का सिम लेने पहुँचे दुकान दार नेटपैक दे नहीं पारहा था भाषा के कारण और हमलोग को ट्रेन पकड़ना था अब क्या करे समझ नहीं आरहा था और उसे समझा नहीं पा रहें थे। एक लड़की हमे देख रही थी वह समझ गयी और दुकानदार को समझाई तुरंत हमें सिम मिल गया वह मोबाईल में डालकर अपने मोबाईल से मिस कॉल कर दी और बोली ये मेरा नम्बर है आपको कहीं भी परेशानी हो मुझे कॉल करना। हमारा प्रॉब्लम सॉलभ हो गया। अनजान देश अनजान लड़की हो कर इतना हेल्प करना अपना नम्बर देना एसे लोग हैं। वारसा घुमने के बाद हमलोग क्राकोव पहुंचे। 
2 - क्रक्रोव चेक गणराज्य के बॉर्डर में पड़ता है। यहाँ जूइश लोगों का घर और 14 सेंचुरी का चर्च है। यहाँ इकोनॉमिक्स और साईंस का यूनीवर्सिटी है। बहुत ही बढ़िया सिटी थायहाँ घूमने के बाद फिर हम कटवाइस गए। 
3 -कटवाईस यह साऊथ वेस्ट में चेक के समीप क्राकोव के पास छोटा पर  खुब सुन्दर ।सिटी चर्च ,कैथेड्रेल ,थिएटर सभी कुछ यहाँ भी था। 
4 -पोजनान -अब हम पोजनान में आगये यह  भी वर्ल्ड वॉर 2 में बर्बाद हो गया था इसे भी फिर से बसाया गया। लेक ,ओल्ड टाऊन ,नेशनल पार्क यूनिवर्सिटी सब कुछ है। 
पोजनान घूमते हुए हम वापस वारसा आगये जहाँ से हमारा टूर ख़त्म हुआ। 
एक -एक महीना जगह -जगह घूमने के बाद सारे टूर मेंबर से बिदा होने पर बड़ा ख़राब भी लगता है  सब घर के मेम्बर जैसे हो जाते हैं। हर बार टूर में वेलकम तथा फेयरवेल पार्टी भी जरूर होता है। ऊसके बाद सब बिदा हो जाते हैं  अपने -अपने फ्लाईट पकड़ कर खट्टी -मीठी यादें लेकर अपने देश चल देते हैं।










 





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