रविवार, 9 जून 2019

SHITLA MANDIR SAKCHI JAMSHEDPUR

                     शीतला मंदिर

       जमशेदपुर का शीतला मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। शीतला मंदिर का प्रतीमा शिलारूपी है जो की तालाब से निकली है। सैकड़ो साल पहले इसकी स्थापना हल्लू बैगा ने नीम पेड़ के नीचे झोपड़ी नुमा मंदिर बना कर की थी। 1959 को स्वर्गीय पल्दुराम डड़सेना के द्वारा मंदिर की स्थापना की गई। फिर 1968 में शिलारूपी शीतला माँ के लिये कोलकत्ता से मुखौटा ला कर मस्तक में प्रतिष्ठित किया गया।
     धीरे -धीरे मंदिर परिसर में देवी दुर्गा ,काली, लक्छमी ,कृष्ण राधा ,शिव लिंग इत्यादी स्थापित किया गया। तब से अब तक लोग बाग बहुत ही श्रद्धा से यहाँ पूजा करते है और लोगों की मन्नत भी पूरी होती है। दुर्गा पूजा भी बहुत धूम धाम से मनाया जाता है।
  बचपन में हमलोग दादा दादी के साथ बहुत जाते थे। पर अब टाटा जाने पर शीतला मंदिर जाना नहीं हो पता था। इस बार बाबा की इच्छा हुई की एक बार चलो मंदिर दर्शन कर अये । बाबा के बहाने हमलोगों का भी मंदिर जाना हो गया। बचपन की यादे भी ताजा हो गयी।
  मंदिर के प्रांगण में ही एक बहुत ही बड़ा उस ज़माने का कुआँ भी है। उसकी खासियत ये है की कितना भी गर्मी पड़े कभी भी सूखता नहीं है और पानी भी एकदम मीठा है। कोई भी आकर पानी ले जा सकता है। गर्मियों में रिक्शा में भर कर ले जाया जाता है और पानी जरुरत मंदो को दिया जाता है।









  

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