गुरुवार, 20 जून 2019

INTERNATIONAL YOG DIVAS

                      5 TH विश्व योग दिवस

      5 साल से पुरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। वैसे तो योग हमारे भारत के बहुत ही प्राचीन परंपरा में से एक है। योग का कोइ जाति ,धर्म ,आयु, वर्ग ,लिंग नहीं होता है। हर आयु वर्ग के लोग इसे अपना सकते है। दुनिया में जितना भी डे है सब विदेशों की देन है। मोदी जी के कारन ही योग डे विश्व को मिला।
       इस योगा डे पर बरबस अपना बचपन और अमेरिका का याद आगया। 3 -4 साल  पहले की बात है अमेरिका में महीना भर घूमने का मौका मिला। वहाँ जब डोमेस्टिक प्लेन में जा रहे थे तभी एयर होस्टेस ने अनाउंसमेंट किया की अब एयर योगा सब कोइ मेरे साथ करो। अब एयरलाईंस का नाम तो याद नहीं पर देख कर बड़ा अच्छा लगा की सारे यात्री एयरहोस्टेस के डायरेक्शन में प्रायाणाम कर रहे है। अपने को भारतीय होने पर बड़ा गर्व हुआ। फिर जब सीटी में घूम रहे थे। रविवार का दिन था। जगह -जगह पार्क ,बाग -बगीचा में लोग योग कर रहे थे। सीखाने वाला  भी अमेरीकन और सीखने वाला भी अमेरीकन और वो भी फ्री में  ,देख कर बहुत ही अच्छा लगा। जब की आजकल हमलोग जिम के पीछे पागल है जहाँ हजारो रूपए खर्च करना पड़ता है। और वहीं विदेशी लोग योग का महत्त्व समझ कर योग अपना रहे है।
   अब कुछ बचपन की भी योग के विषय में  बात हो जाये। इस दौर में  रामदेव बाबा और मोदी जी के कारन योग घर -घर पहुँच गया है।पर बिहार के मुंगेर में उस ज़माने से योग विद्यालय है और वहां के लोग मुंगेर के स्वामीजी को ही अपना गुरु मानते थे और उनसे योग सीखते थे। हमारे परिवार में योग सभी लोग करते ही थे। बचपन में हमको टांसिल का प्रॉब्लम था और बहुत बीमार हो जाते थे. सभी डॉक्टर ने बोल दिया था ऑपरेशन करवाना ही पड़ेगा।फिर दादा ने मुंगेर वाले  स्वामीजी से मिलवाया वे योग करने बताये। और फिर नियमित योग करने पर जड़ से टॉन्सिल से छुट्टी मिल गया। उसके बाद भी बहुत सालों तक करते रहे और दूसरों को भी सिखाये। वास्तव में नियमित योग का बात ही कुछ और है। दादा भी 85 साल के थे वे भी अंत तक योग करते थे। बाबा 93 साल के है लेकिन वे भी आज भी योग ,प्रणयाम ध्यान करते है और पूरा एक्टिव है।योग दिवस में बचपन से अबतक का सारा घटना याद आगया। 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें