ROYAL BOTANICAL GARDEN
बॉटनिकल गार्डन
कैंडी मंदिर और पूर्णिमा उत्सव देखने के बाद ,दूसरे दिन कैंडी में रॉयल बॉटनिकल गार्डन देखने पहुँचे। वैसे तो अपने देश और विदेशों में एक से बढ़कर एक गार्डन बाग -बगीचा देखने का मौका मिला था। पर आगे के टूर और रूट में पड़ रहा था तो देखने पहुँच गये। कैंडी का गार्डन देख कर दंग ही रह गये। 147 एकड़ में ये गार्डन बना है। किसी ज़माने में राजा के अंडर में था और विदेशों से बहुत प्रकार का पेड़ राजा को गिफ्ट में मिलता था। अंग्रेजों के जाने के बाद से अब श्री लंका की सरकार की देख रेख में है।
यहाँ पर बर्मा का जायंट बाँस का पेड़ देखने मिला, जोकि 30 -40 फीट ऊँचा और 20 -25 सेंटीमीटर चौड़ा था। अफ्रीकन ईमली ,सैकड़ों प्रकार के हर्ब -शर्ब ,सैकड़ों प्रकार के मसाला का पेड़ ,सैकड़ों प्रकार का आर्किड ,तरह -तरह का फूल -फल ,पाम का लेन और वेराइटी। हजारों -हजार साल पुराना बड़ा -बड़ा पेड़ जिसे लोहा से सपोट देकर बचाया गया है।पुराना बड़ा -बड़ा पेड़ होने के कारन चिड़ियाँ ,बंदर तो थे ही पेड़ों में चमगादड़ भी उल्टा लटका हुआ देखने मिला।
वास्तव में जैसा नाम रॉयल बॉटनिकल गार्डन वैसा ही देखने मिला। नहीं रुकते तो इतना बड़ा और इतना अच्छा इतने वैरायटी का नया पेड़ -पौधा नहीं देख पाते।
क्रमशः
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