शनिवार, 26 अगस्त 2017

PINNAWELA ELEPHANT ORPHANAGE

                                          ELEPHANT ORPHANAGE

                                                    हाँथियों का आश्रम 

                    मसालों का बाग घूमने के बाद आगे बढ़ने पर पिन्नावेला गावँ आया। यहाँ पर हाँथियों का आश्रम देखने मिला। पहले तो जरा आश्चर्य हुआ की हाँथी का भी आश्रम होता है। बुजर्गों का ,महिलाओं  का अनाथ बच्चों का आश्रम सुने और देखे थे। हाँथी तो जू या जंगल में होता है। पर जब पिन्नावेला पहुँचे और आश्रम गये तो पता चला की जंगल में जब हाँथी का छोटा बच्चा अपने परिवार से बिछड़ जाता है या कोई बीमार हाँथी रह जाता है तो ,जंगल विभाग वाले वाइल्डलाइफ संरक्छक को खबर करते है। फिर वे लोग इस आश्रम में लाकर रखते है और उनका इलाज वगैरा करते हैं। 
        1975 से 25 एकड़ जगह में ये आश्रम बना हुआ है। यहाँ पर करीब 100 हाँथी और 50 महावत हैं। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग हाँथी यहाँ पर है। हांथियों का तीसरा पीढ़ी एक साथ यहाँ रहते हैं। सुबह -शाम दोनों टाईम 20-25 हांथियों के ग्रुप को बारी -बारी से नदी स्नान कराने ले जाते है। रोड के इसपर खुले जंगल वाला कैम्पस में हाँथी रहते हैं और रोड के उस पार  नदी बहती है उसी में हाँथी को घंटो स्नान कराया जाता है। 
         टूरिस्ट लोग टिकट ले कर नदी किनारे खड़े हो जाते हैं और हांथियों का मस्ती करके स्नान करना देखते हैं। एक ग्रुप स्नान कर लेता है तो महावत लोग लाईन से हाँथियों को वापस कैम्पस ले जाते हैं और उन्हें उम्र के हिसाब से भोजन कराते हैं। तब तक दूसरा ग्रुप नहाने नदी जाता है। यही क्रम दिन में दो बार चलता है और टूरिस्ट इसका मजा लेते हैं। वैसे जो व्यस्क  मेल हाँथी होता है उससे कैम्पस का छोटा -मोटा काम भी कराया जाता है। पर एक ही  दाँत वाला टस्कर हाँथी देखने मिला। हमारे लिये ये भी एकदम नया अनुभव था। घंटो कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। अब हमलोग पिन्नावेला  से हांथियों का प्रोग्राम देख कर आगे के सफर के लिये बढ़ गये। 
                                                                                                                                            क्रमशः 








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