बुधवार, 23 अगस्त 2017

KANDY TO NUWARAELIYA

                                              KANDY TO NUWARAELIYA

                                                                 रामायण  यात्रा 

                                कैंडी घूम कर हमलोग नुवाराएलिया की तरफ बढ़ गये। यहाँ से और भी ज्यादा चढ़ाई शुरू हो गया। चारों ओर चाय बागान ,ऊँचा -ऊँचा सैकड़ों साल पुराना पेड़ ,घना जंगल ,झरना। रोड के दोनों और का दृश्य बहुत ही सुन्दर था । अंग्रेजों ने अपने ज़माने में दक्छिन भारत से तमिलों को चाय बागान में काम करने श्री लंका में यहीं लाये और बसाये थे।  भारत में भी उसी कल में दक्छिन भारत के ऊंटी और कुन्नूर में चाय बागान के लिए शहर बनाये और बसाये थे। दोनों जगह एकदम एक जैसा लग रहा था। लग रहा था की कुन्नूर,ऊंटी  में घूम रहे हैं। 
         यहीं से हमारा रामायण का टूर शुरू होता है। यहीं पर ऊँचे पर्वत पर घने जंगल में झरना के बगल में अशोक वाटिका में सीता अम्मा का मंदिर ,हनुमान मंदिर , हनुमान का पद छाप ,रामबोला झरना देखने मिला।अपने धर्म में मान्यता तो यही है की लंका का राजा रावण सीता जी का अपहरण करके अशोक वाटिका में रखा था।  अब सच जो हो पर हनुमान जी कूदते फांदते यहाँ पहुंचे थे। फिर वानर निर्मित सेतु से राम जी की वानर सेना लंका आई और राम -रावण युद्ध हुआ। 
    भारत से तमिल लोग सैकड़ों साल पहले यहाँ आये और बस गये तो अपने भगवान का मंदिर बनाये। हनुमान जी का पंजा का निशान भी अशोक वाटिका में देखने मिला। चिन्मय मिशन द्वारा हनुमान मंदिर भी पहाड़ में बना हुआ है। भारत से जो घूमने आता है वो अशोक वाटिका आकर और सीता मंदिर वगैरा जरूर देखता है। वैसे अशोक वाटिका को यहाँ अशोक गार्डन बोलते है और घने जंगल के बीच में सुन्दर फूल फुलवारी बना कर वाटिका का संरक्छन कर दिए है। टिकट कटा कर गार्डन घूम सकते है।चारों  तरफ झरना ही झरना है जिसे रमाएलिया  ,रामबोड़ा बोला जाता है। हमलोग तो पोलीटिकल कारन से आज तक भगवान राम के जन्म स्थान में उनका मंदिर नहीं बना पाये। भला हो उन तमिलों का जो रामायण से जुडी अपने ग्रन्थ को जिन्दा तो रखे। वैसे नुवाराएलिया से आगे जाने पर दामुला में बोलते है की रावण का भी निशान वगैरा है पर आगे और भी चढ़ाई होने के कारन हमलोग यहाँ से वापस लौट गये। 
                                                                                                                                      क्रमशः 

                                                                                                                                    











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