मंगलवार, 1 अगस्त 2017

FRUIT OF PARADISE ( FIG )

                                               अंजीर

             अंजीर एशिया ,नार्थ अमेरिका में होता है, वैसे ये हर मौसम सह लेता है। जैसे आम फलों का राजा है ,वैसे ही सूखा मेवा में अंजीर राजा है। इसमें सारे  विटामीन ,मिनरल भरपूर होता है।इसे सूखा मेवा और पका फल दोनों रूप में खा सकते है। मीठा और स्वादिस्ट होता है।पका अंजीर बाहर  से जामुनी और अंदर से गुलाबी होता है, कच्चा हरा रंग का होता है,और  सूखा वाला भूरा होता है। वैसे बारहों महीना होते रहता है। पका फल ऐसे भी खा सकतें   है और बाजार में सूखा तो मिलता ही है। अंजीर के फल से जैम ,जेली ,मिठाई वगैरा बनाया जाता है।
       कटहल जैसे ही तना में एकदम नीचे से ऊपर तक छोटे- छोटे गोल- गोल फल होता है। पहले कभी कच्चा अंजीर नहीं देखे थे। बचपन से वही सूखा भूरा पुआल में गुथा हुआ ही देखे थे।एक बार बम्बई में रीता बाजार में फल वाले के पास हरे लाल रंग वाला फल दिखाई और खिलाई बोली ये फीग है यहाँ पका फीग मिलता है बाकी सब जगह सूखा वाला मिलता है जिसे अंजीर बोलते है। मेरे लिये नया फल था। बात भी पुरानी हो गई थी भूल भी गए थे।
       कुन्नूर में हमारे पड़ोसी के घर में अंजीर का पेड़ है। 10 साल से उसमें फल लदा हुआ देखते है ,पूछने पर वे लोग तमिल नाम अतिफलं बताते थे। समझ ही नहीं आता था ये कौन सा फल है। बंदर पका -पका खा कर गिरा देता। इतने सालों बाद पता चला की अरे यही तो अंजीर का पेड़ है। कच्चे में हरा ,पकने में जमुनी और बाजार से सुखा मेवा रूप में जो देखते थे वो भूरा होता है।
  बाबुजी को इसका फायदा पता था राजेश बचपन में  बहुत ही पतला और कमजोर था। बाबूजी लाकर देते थे। रोज रात को इसको पानी में भीजा कर सुबह राजेश को देने बोले थे। सालों  साल राजेश को खिलाये थे।अब जाकर  इस पेड़ और फल का नाम फीग , अतिफलं  और अंजीर सब एक ही है पता चला और इसके गुण का पता चला तो पुरानी सारी बात याद आ गई।
 





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