गुरुवार, 24 नवंबर 2022

#SHRI#TRIMBAKESHWAR#JYOTIRLINGA

               श्री त्रम्ब्केश्वर ज्योतिर्लिंग 

                नासिक से 30 किलोमीटर की दूरी में ब्रह्मगिरी पर्वत में गोदावरी नदी के किनारे त्रम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित है। नाना साहेब पेशवा ने 1755 AD में छोटे से मंदिर को बड़ा और भब्य रूप दिया। मान्यता है की गौतम मुनि के तपस्या के कारण शिव लिंग प्रगट हुआ। मंदिर के अंदर एक छोटे से गड्ढे में तीन लिंग है जिसे ब्रह्मा ,विष्णु और रूद्र माना जाता है। तीनो देव के प्रतीक होने के कारन त्री (तीन ) से त्रम्बकेश्वर नाम पड़ा। हर सोमवार को सुबह पालकी निकाली जाती है। चारो तरफ पहाड़ के बीच में मंदिर होने से मंदिर का भव्यता देखते ही बनता है।






 

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