भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
पुणे से 115 किलोमीटर की दूरी में सह्याद्री पर्वत में घने जंगल के बीच भीमा नदी के किनारे भोरगीरी गावं में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग है। शिवजी ने भीमा नामक राक्छस\का यहीं वध किया था इसलिए इस ज्योतिर्लींग का नाम भीमा शंकर पड़ा। छत्रपती शिवाजी महाराज ने मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया था। 250 सीढ़ी उतरने पर ही मंदिर देख सकते है। वहां पैदल भी जा सकते है ,डोली पालकी से भी जा सकते है और वहां के लाइसेंस वाला गाड़ी से घने जंगल से घुमावदार रास्ते से हो कर जाना पड़ता हे।अपना कार नहीं जा सकता है।हमलोग वहां का गाड़ी करलीये जिससे आराम से मंदिर तक जा पाये। इस मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा में स्पेशल पूजा ,अर्चना और आतिशबाजी होता है। मंदिर में बहुत सुन्दर रांगोली से सजाया गया था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पालकी में भगवान को मंदिर का प्रदिक्षणा करवाया जाता है.. हमलोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गए थे हमलोग को सब प्रोग्राम अच्छी तरह देखने मिल गया। ।
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