माँ का श्राद्ध
देखते ही देखते दिन महीना और साल कैसे बीत गया पता ही नहीं चला ,लगा की माँ को गए कल की ही तो बात है।जाने वाले की बस याद ही रह जाती है। माँ बस माँ ही होती है माँ की जगह कोई नहीं ले सकता है।माँ की बरसी में हवन में पूरा परिवार से भी मिलना हो गया। माँ की बरसी पर माँ के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित।
ॐ शांति
देखते ही देखते दिन महीना और साल कैसे बीत गया पता ही नहीं चला ,लगा की माँ को गए कल की ही तो बात है।जाने वाले की बस याद ही रह जाती है। माँ बस माँ ही होती है माँ की जगह कोई नहीं ले सकता है।माँ की बरसी में हवन में पूरा परिवार से भी मिलना हो गया। माँ की बरसी पर माँ के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित।
ॐ शांति
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