शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

ADIYOGI--THE SOURCE OF YOGA

               आदियोगी शिव प्रतिमा

 आदियोगी शिव प्रतिमा ईशा योग परिसर में स्थित है।वेल्लियंगीरी पर्वत की तलहटी में तमिलनाडु के कोयम्बटूर के ध्यानलिंगम में सद्गुरु द्वारा फरवरी 2017 को स्थापित किया गया। आदि योगी शिव की 112 फ़ीट ऊँची प्रतिमा मानव तंत्र के 112 चक्रों को प्रतिनीधित्व करती है। ऐसा सद्गुरु का मानना है। सद्गुरु के विचार से यह प्रतिमा योग के प्रति लोगों में प्रेरणा जगाने के हेतु बना है। प्रतिमा के विशाल चेहरे को सद्गुरु ने डिजाइन किया है। शिव को योग प्रवर्तक माना  जाता है इसलिए प्रतिमा का नाम आदियोगी रखा गया है।
       योग विद्या के अनुसार 15 हजार साल पहले शिव ने सिद्धी प्राप्त की औरआषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु बन कर सप्त रिषीयों को योग का ज्ञान दिया। तब से हर साल आषाढ़ पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है।वैसे तो ईशा योग सेण्टर में बहुत कुछ देखने, सिखने ,घूमने योग्य जगह है। कुंड, देवी मंदिर  ,गार्डन वगैरा और अब नव निर्मित आदि योगी का विशाल प्रतिमा भी कैंपस में बन जाने पर बहुत लोग -बाग  देखने घूमने आते है। पूरा कैंपस घूमने में 3 -4 घंटे कम से -कम लग ही जाता है। कोयम्बटूर आने पर एक बार जरूर देखना चाहिए।











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