रविवार, 21 जनवरी 2018

DETH ANNIVERSARY

                                          पुण्यतिथी
                              बसंत पंचमी  (बाबू  -माँ )

                 क्या संजोग है ,बाबु जी 19 जनवरी 1980 में गुजरे थे और माँ 3 फरवरी 1995 में ,पर दोनों का अंतिम संस्कार बसंत पंचमी के ही दिन हुआ था। तारिख वार सब अलग था पर तिथि एक था। जब बाबू जी गुजरे थे तब 22 जनवरी को वसंत पंचमी था और इतने सालों बाद फिर 22 तारिख को ही वसंत पंचमी पड़ा  है।
   वैसे तो वसंत पंचमी में विद्यार्थी लोग सरस्वती पूजा करते है। चारों तरफ वसंत के आगमन की तैयारी होती है। पतझड़  शुरू हो जाता है ,आम में बौर आ जाता है। होलिका दहन की तैयारी शुरू हो जाती है।पर इस बार 22 जनवरी होने के कारण एकाएक माँ -बाबू से जुड़ी बातें याद होने लगी।
     वो जमाना और ये जमाना में कितना फर्क आगया है। एक वो दिन था ,और एक ये दिन. वो दिन को बहुत ही मिस करते है।
                                              माँ -बाबू के याद में उन दोनों को विनम्र श्रद्धांजली।


    

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