शनिवार, 20 जनवरी 2018

BANANA

                              केला
                     केला का पौधा पवित्र और पूज्य माना जाता है। केले में बृहष्पति का वास माना गया है। इसलिए पूजा किया जाता है। प्राचीन समय से ही पूजा पाठ में केले के पत्ते और फल का उपयोग किया जाता है। केले का पौधा लगाना भी आसान है।
     एक बार 2 रुपिया का छोटा सा पौधा लेकर लगा दिए वो भी शौकिया। 5 -6 महीने में पौधा तैयार हो गया। उसमे फूल आगया,देखते ही देखते फूल के एक -एक लेयर में एक -एक गुच्छा होते हुये पूरा एक बड़ा सा केला का कांदी बन कर तैयार हो गया। 3-4 महीने में पक कर पूरा गुच्छा खाने के लिये तैयार हो गया। देख कर ही दिल खुश हो गया। एक तो घर का केला उसपर पेड़ का पका फिर क्या कहना एक -एक लेयर काट ते जाओ खाओ और खिलाओ।
      एक पौधे में एक ही बार केले का गुच्छा होता है। फिर फल काट लेने के बाद पौधा काट देना पड़ता है। जड़ के अगल -बगल से 3 -4 छोटा -छोटा पौधा फिर निकल जाता है। लाईन से उसे निकाल कर फिर लगाने पर 4 -6 महीने में फिर नया पौधा बड़ा होकर फल देता है। बस यही क्रम चलते रहता है। हर साल एक बार में 6 -7 गुच्छा तो खाने मिल ही जाता है। ज्यादा सेवा भी नहीं करना पड़ता है। गरम वायु और नरम वातावरण, थोड़ा गोबर खाद  .




5 -6 साल से लगातर और बार बार केला का पौधा बढ़ाते जाते है और घर का केला खाते जाते है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें