शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

NATIONAL DAK DIVAS

                                                               नेशनल डाक दिवस

              भारतीय डाक सेवा 10 ऑक्टूबर  को और अन्तर्राष्ट्रीय डाक सेवा 9 ऑक्टूबर  को मनाया जाता है। भारतीय डाक सेवा की स्थापना 1766 में लार्ड क्लाइव ने की थी। भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकत्ता में शुरू हुआ ,और 1852 में स्टाम्प टिकट शुरू हुआ। भारत में  डाक सेवा को 166 वर्ष से अधिक हो गया।
     आज के आधुनिक समय में डाक और डाकिया के महत्त्व को कौन जानता है। आज देश हो या विदेश तुरंत संपर्क कर सकते है। फ़ोन करे ,व्हाट्सअप करो और भूल जाओ। पहले पत्र लिखा जाता था। अपने पुरखों का पत्र सजों के रखा जाता था। महात्मा गाँधी ,नेहरू जी का इन्दिरा के नाम जेल से लिखा पत्र हो या किसी बड़े लेखक का पत्र आज की पीढ़ी को भी पढ़ने मिल ही जाता है।
      हम इस माने में बहुत ही खुश नसीब है हमारे दादा जी ने लन्दन से 1955 में हमें खत लिखा था वह खत आज भी हमारे पास सुरक्छित है। उस समय हम बहुत ही छोटे 3 -4 साल के रहें होंगे हमको लिखना पढ़ना तो आता नहीं था और ना तो पता ही था की कभी हमारे दादा हमें पत्र भी लिखे थे। वो तो बाबा का आदत है संभाल कर सुरक्छित रखने का। एक बार राजेश ,राकेश नाना के घर टाटा गए थे नाना ने पुराना अलबम दिखाने लगे। बच्चोने मेरे दादा का मेरे नाम लिखा पत्र देखा। उन्हें बहुत ही अच्छा लगा उसमे लिखा बात पढ़ कर उन्हें बहुत मजा आया.वे लोग पत्र लाकर हमें दिए। दादा ने लिखा था लीलिया भारी बदमाश है चिठी नहीं लिखती है। बस जब याद करो पत्र  देख और पढ़ कर मजा आ जाता है।
                   आज डाक दिवस में सारी पुरानी बात याद आगई ,काश आज दादा जी होते उनको दिखाते  उनको भी अच्छा लगता।मैसेज और मेल देख कर वो मजा नहीं आता है जो पुराने पत्र में। डाक दिवस में इसलिये ही बहेतरीन काम करने वाले कर्मचारियों को डाक विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाता है। 







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