शनिवार, 21 अक्तूबर 2017

BHAI PHONTA (DOOJ)

                                             भाई फोंटा (दूज )
                      कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भाई बहन के घर जाता है और बहनें भाई की लम्बी उम्र के लिये भाई का टीका करती है और खीर खिलाती है। जैसे दूध में  चावल और चीनी घुल मिल कर खीर बन जाता है वैसे ही भाई और बहन घुल मिल कर रहने का संकल्प करते है। इसलिए इस त्योहार को भाई दूज बोला जाता है। 
             वैसे मान्यता ये भी है की सूर्य के दो संतान थे यम और यमुना। यम तो यमलोक में रहते थे और मृत्यलोक सँभालते थे और पापियों को सजा देते थे।बहन  यमुना को ये सब देखा नहीं जाता था, इसलिए वे धरती में अवतरित हो गयी। एक बार की बात है की यमराज की मुलाकात बहन यमुना से धरती में हो गयी। उस दिन कार्तिक शुक्ल दूज था,यमुना ने भाई का टीका किया और  खीर खिलाया। यम ने खुश हो कर यमुना से कुछ माँगने कहा यमुना ने कहा की देना है तो ये वरदान दो की आज की तिथि में जो भी भाई अपनी बहन से मिले गा और दोनों बहन भाई एक साथ में जमुना में डुबकी लगाएगा,और भाई का टीका करेगा  उसे यमलोक जाना नहीं पड़ेगा। बस तब से ही ये प्रथा चले आ रहा है लोग भाई दूज का त्योहार मनाते है। पर जमुना में स्नान करने सब नहीं जा पाते है और ना तो नई पीढ़ी को पता है। 
  बचपन में दादी से सुने थे और देखे थे की दादी अपने भाई के साथ इलाहाबाद जा कर जमुना में डुबकी लगाई थी। और बचपन से ही देखते है इस दिन खीर और दलभरी पूरी माँ लोग बनाते थे और हमलोग भाईदूज का इंतजार करते थे की भाई को टीका लगाने पर पकवान तो खाने मिलता था ही और गिफ्ट भी मिलता था। पर हम इतने खुश नसीब नहीं थे इस लिये हमारे दोनों भाईयों को यमराज बहुत ही जल्दी ले गए। वे जहाँ भी हो उनकी आत्मा को भगवान शांति प्रदान करे।




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