रात की रानी
रात की रानी वेस्ट इंडीज़ ,एशिया आदि देशों में पाया जाता है। इसकी फूल की ये विशेषता है की ये रात को खिलती है और पुरे बगिया को महका देती ही। फूल पूर्णिमा में ही अधिकतर खिलते है और खुश्बू फैला देते है पर अमावस्या में नहीं खिलते है। फूल का रंग भी हरा क्रीम सफ़ेद लिये हुए होता है। एक बार फूल आने के बाद फूल अनेक दिन तक खिला रहता है। फूल सूखने के बाद थोड़ा कटाई छटाई कर देने पर अगले महीना फिर से भरपूर फूल खिलता है।
अभी तक रात की रानी का सफ़ेद फूल और खुश्बू दार पौधा ही देखे थे और जानते थे ,पर पहाड़ में पीला ऑरेंज रंग लिये रात की रानी का पौधा देख़ने मिलता है और फूल भी वगैर खुशबु का होता है।है तो रात की रानी रात को ही फूल खिलता है एकदम अपने तरफ के पौधा और फूल जैसा पर खुश्बू ही नहीं होता है। पेड़ भी करीब 12 फ़ीट ऊँचा होता है। पत्ते करीब 4-8 इंच का होता है फूल भी खूब भरा रहता है। पर बंदरो के फूल तोड़ने के कारन पौधा का रौनक ही चला जाता है। जबकि छोटी -छोटी लम्बी पतली चोंच वाली चिड़ियों का रस पीना देख कर बड़ा अच्छा लगता है। कुन्नूर में कोइ घर में भी नहीं लगाता है जंगली जैसा रोड के किनारे जगह -जगह अपने से लगा होता है।
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