वादी में मेला
मेला तो मेला होता है। कहीं संक्रांति मेला तो कहीं वैशाखी मेला ,कभी ऊँटों का पुष्कर मेला तो कहीं शिवरात्री मेला। अलग अलग उम्र में मेला का मजा भी अलग तरीके से मनाया जाता है। झूला झूल कर तो चाट खाकर ,तमाशा देखकर। जगह और जरुरत के अनुसार मनोरंजन हो जाता है।
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