MON ,6 JULY
संडे को मस्ती
रोज रोज स्कूल जाना ,दिन भर पढ़ना लिखना। ये सब करके बच्चे बोर होजाते हैं। संडे आया खुश, पढ़ना तो पड़ता है पर थोड़ा मस्ती करने का भी मूड बन ही जाता है और अपने तरीके से खूब मस्ती भी कर ही लेते हैं। अब कुन्नूर तो जंगल पहाड़ का देश है तो हवा पानी तो रोज होता ही है ,साथ में बंदरों का भी बदमाशी चलते रहता है। कुछ नहीं तो रोज नल ही खोल देना ,बिजली और फ़ोन के तार में झूलजाना बगैर। अब तार में लटकेंगे तो फ़ोन तो डेड होगा ही। वैसे तो सब के हाथं में मोबाईल रहता है कोई प्रॉब्लम नहीं होता है पर बच्चों को मस्ती करने का सूझा।उनलोगों ने फ़ोन को फूल माला डाल कर R I P लिख कर अपने सर्किल में व्हाट्सएप्प कर दिया। और सबने मजा लेलिया।
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