समरकंद उज़्बेकिस्तान
समरकंद उज़्बेकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है।मध्य एशिया के ये नगर ऐतीहासिक और भौगोलिक दोनों कारन से बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। भारत के इतिहास में भी इसका महत्व है क्योंकि बाबर का जन्म स्थली यही है और इसी स्थान का शासक बनाना चाहता था और फिर यहीं से काबुल होते हुए भारत आया और फिर वहीं का शासक बन गया। ये लोग चंगेज खां के वंशज थे। किसी समय यहाँ सिर्फ फ़ारसी लोग थे। पर बार बार आक्रमण के बाद ये मुस्लिम देश बन गया है। 14वीं शताब्दी में आमिर तैमूर यहाँ का शासक बना और यहाँ बहुत सुधार किया। और अपने राज्य की राजधानी बनाया। सोवियत काल के समय शहर के प्रमुख स्थलों को फिर से ठीक किया गया। समरकंद में आमिर तैमूर के नाम का चौक चौराहा ,उसका महल ,कब्रगाह है। यहाँ का सबसे प्रमुख जगह रेज़िस्तान स्क्वैर है। यहाँ पर उलूगबेग द्वारा बनाया हुआ तीन बहुत ही बड़ा और शानदार मदरसा है।इसकी शिल्पकारी देखते ही बनता है। जिसे देखने टूरिस्ट जरूर आते है।उलूगबेग बहुत ज्ञानी धार्मिक राजा था। आमिर तैमूर इसी का पोता था।टूरिस्ट के अलावा लोकल लोग भी यहाँ घूमने आते है। बड़ा कैम्पस और गार्डन होने के कारन लोग अपने प्री वेडिंग शूट के लिये आये हुये थे घूम घूम कर फोटो खिंचवा रहे थे। देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था।
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